यह समय सरकार के लिए योजना बनाने की है, कैसे विद्यार्थियों का वर्ष 2022 में मूल्यांकन होगा : सिसोदिया - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

यह समय सरकार के लिए योजना बनाने की है, कैसे विद्यार्थियों का वर्ष 2022 में मूल्यांकन होगा : सिसोदिया

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि यह समय सरकार के लिए यह योजना बनाने की है कि मार्च 2022 में 10वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों का मूल्यांकन कैसे किया जाएगा, क्योंकि एक और शैक्षणिक सत्र कोविड-19 महामारी से प्रभावित हो सकता है।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि यह समय सरकार के लिए यह योजना बनाने की है कि मार्च 2022 में 10वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों का मूल्यांकन कैसे किया जाएगा, क्योंकि एक और शैक्षणिक सत्र कोविड-19 महामारी से प्रभावित हो सकता है। उनकी यह टिप्पणी कोविड-19 महामारी की वजह से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने के फैसले के एक दिन बाद आई है। आईसीएसई बोर्ड ने भी 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है।
सिसोदिया ने  कहा, ‘‘यह समय अगले साल के लिए बढ़ने का है। हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं कि अगला शैक्षणिक सत्र भी कोविड-19 से प्रभावित हो सकता है और एक बार फिर बहुत देर होने से पहले योजना बनाने की जरूरत है।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि अगले साल के लिए ‘मुक्कमल योजना’ बनाने की जरूरत है ताकि बिना किसी सोच विचार के फैसले की संभावना से बचा जा सके।
सिसोदिया ने कहा, ‘‘यह सही समय है।मार्च 2022 में विद्यार्थियों का कैसे मूल्यांकन किया जाएगा ,इसकी एक मुक्कमल योजना तैयार की जानी चाहिए और उसके अनुरूप मौजूदा सत्र की योजना बनाई जानी चाहिए और इसके लिए विद्यार्थियों को तैयार होना चाहिए। आंतरिक, ऑनलाइन और अर्ध ऑनलाइन गतिविधि योजना के तहत होनी चाहिए न कि विद्यार्थियों को अलग तरीके से तैयार करने के बाद यह कहें कि हम परीक्षा लिए बिना उन्हें उत्तीर्ण नहीं करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम महसूस करेंगे कि अभी इसकी शुरुआत नहीं करे, तो एक बार फिर अगले साल के लिए देरी हो जाएगी और जिसकी वजह से बिना तैयारी एवं घुटने के बल झुकने वाले फैसले लेने होंगे।’’
दिल्ली के शिक्षामंत्री की जिम्मेदारी भी निभा रहे सिसोदिया ने कहा कि उनकी टीम इस सबंध में योजना के मसौदे पर काम कर रही है और वह इसकी अनुशंसाओं को सीबीएसई और केंद्र के साथ साझा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘टीम यह योजना बना रही हैं कि कैसे बोर्ड और गैर बोर्ड परीक्षा वाली कक्षाओं का शैक्षणिक सत्र चलाया जा सकता है और उनका मूल्यांकन कैसे किया जा सकता है। एक बार योजना का मसौदा तैयार हो जाए तो मैं अनुशंसाओं को सीबीएसई और केंद्र के साथ साझा करूंगा।’’
सिसोदिया ने पहले शिक्षा मंत्रालय ने कहा था कि विद्यार्थियों का टीकाकरण कराए बिना परीक्षा कराना विनाशकारी कदम होगा। उन्होंने साक्षात्कार में कहा कि वह अब भी अपनी राय पर कायम हैं। सिसोदिया ने कहा, ‘‘परीक्षा हो या नहीं हो, विद्यार्थियों का टीकाकरण कराने की जरूरत पर दूसरी राय नहीं हो सकती। टीके का भंडार इतना सीमित है कि हम 18 से 44 वर्ष आयुवर्ग के लोगों का जल्द टीकाकरण नहीं करा सकते हैं, बच्चों पर टीके का परीक्षण और फाइजर टीका उनके लिए लाने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए।’’

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