भाजपा की पंख पसार सूची - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

भाजपा की पंख पसार सूची

भारतीय जनता पार्टी ने पहली ही खेप में 543 सीटों में से 195 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा करके लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजा दी है। दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन इस मामले में बहुत ढीलम-ढाला लग रहा है और अभी तक 27 दलों के इस गठजोड़ को सीटें घोषित करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। केवल उत्तर प्रदेश ही ऐसा राज्य है जहां कुछ सीटों पर समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है। चुनाव में अब 100 दिन का समय भी शेष नहीं बचा है हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है परंतु मई महीने तक नई लोकसभा का गठन होना जरूरी है इसलिए यह कहा जा सकता है कि विपक्षी गठबंधन बहुत धीमी चाल चल रहा है। भाजपा ने जिन 195 प्रत्याशियों की घोषणा की है उनमें सर्वाधिक प्रत्याशी पिछड़े वर्ग के हैं जो 29 प्रतिशत हैं और इनकी संख्या 57 है जबकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा महिला प्रत्याशियों की घोषणा भी यथोचित संख्या में की गई है। इसे देखकर यह कहा जा सकता है कि भाजपा सामाजिक न्याय के विपक्ष के विमर्श का मुंह तोड़ मुकाबला करना चाहती है। इन 195 सीटों में से 52 प्रतिशत सीटें समाज के पिछड़े हुए दबे वर्गों के लोगों को दी गई हैं जिनकी संख्या 102 बैठी है। इनके अलावा महिलाओं को 28 सीटें दी गई हैं। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि भाजपा अपने उस फार्मूले पर चल रही है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब युवा किसान व महिला जातियों के रूप में दिया था।
सीटों के बंटवारे में भाजपा ने एक और जहां पुराने महारथियों को वरीयता दी है वहीं नए युवा चेहरे भी खोजे हैं साथ ही कुछ ऐसे पुराने चेहरों को हटा दिया है जिनका आकर्षण समाप्त माना जा रहा था और काम के मोर्चे पर जिनकी उपलब्धि शून्य समझी जा रही थी। इनमें नई दिल्ली से भाजपा की सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है जो वर्तमान में विदेश राज्य मंत्री का काम देख रही है। उनके स्थान पर पार्टी ने भाजपा की ही एक जमाने की महारथी रही स्वर्गीय सुषमा स्वराज जैसी नेता की सुपुत्री बांसुरी स्वराज को प्रत्याशी बनाया है। इसके साथ ही पार्टी ने दिल्ली के जिन पांच उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें से कई पुराने प्रत्याशियों को हटा दिया है इनमें बदनाम हुए दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी भी शामिल है। जिन्होंने संसद में ही एक-दूसरे संसद सदस्य को खुलेआम गालियां दी थी। इसके साथ ही चांदनी चौक के सांसद डॉक्टर हर्षवर्धन का पत्ता भी काट दिया गया है और उनकी जगह पर व्यापार जगत के नेता प्रवीण खंडेलवाल को लाया गया है। खिलाड़ी गौतम गंभीर ने तो पहले ही हथियार डाल दिए हैं और चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी है। इसके समानांतर पार्टी ने बनारस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी घोषित की है और लखनऊ से रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है साथ ही गृहमंत्री अमित शाह भी गुजरात के गांधीनगर से दोबारा अपना भाग्य आजमाएंगे।
उत्तर प्रदेश में जिन 51 सीटों की घोषणा की गई है उनमें अधिकतर पुराने चेहरे रखे गए हैं और पार्टी ने इस राज्य से पिछड़ों और दलितों को अच्छी संख्या में अपना प्रत्याशी घोषित किया है इससे यह पता चलता है कि राज्य में विपक्षी गठबंधन इंडिया के पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक गठजोड़ का मुकाबला करने के लिए भाजपा ने अपनी अलग से रणनीति तैयार की है। मगर आश्चर्यजनक रूप से भाजपा ने इस बार दक्षिण के राज्य केरल से भी अपने प्रत्याशी काफी बड़ी संख्या में उतारने का फैसला किया है। राज्य में कुल 20 सीटें हैं इनमें से 13 सीटों पर भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है और इनमें कांग्रेस के दिग्गज नेता श्री ए.के. एंटनी के सुपुत्र श्री अनिल एंटनी भी हैं। इसके साथ ही अल्पसंख्यक बहुल मल्लापुरम जिले से भाजपा ने मुस्लिम प्रत्याशी घोषित किया है। उत्तर भारत में बिहार ऐसा राज्य जरूर है जहां से अभी भाजपा ने अपना एक भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है जबकि इसके ही भाग रहे झारखंड से कई उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है। मगर यह भी महत्वपूर्ण है की पहली सूची में केंद्रीय मंत्रिमंडल के 34 सदस्यों के नाम भी शामिल हैं और इनमें कई राज्यसभा के सदस्य भी हैं। जो लोग राज्यसभा से मंत्री बनाए गए उन्हें भी लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाने के लिए भाजपा ने प्रेरित किया है इनमें राजस्थान से भूपेंद्र यादव का नाम उल्लेखनीय है जो पर्यावरण राज्य मंत्री हैं, वह अलवर से जोर आजमाइश करेंगे। वहीं केरल के तिरुवनंतपुरम से भी एक केंद्रीय मंत्री को चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया है, इसके अलावा एक और मंत्री भी केरल से ही चुनाव लड़ेंगे। यह सभी राज्यसभा सदस्य हैं लेकिन इससे यह तो पता चलता है कि बीजेपी राज्यसभा सदस्यों से भी पूरी मेहनत कराना चाहती है।
राजनीतिक दलों की प्रत्याशियों की सूची से उनकी समग्र सोच का भी पता चलता है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को पुनः सक्रिय राजनीति में लाने के लिए उन्हें विदिशा से लोकसभा टिकट दिया गया है। वह चार बार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और इस बार उनके मुख्यमंत्री न बनने पर यह अटकल लगाई जा रही थी कि उन्हें भाजपा आलाकमान ने राजनीतिक संन्यास की तरफ धकेल दिया है मगर यह सभी कयास गलत साबित हुए और ऐसा समझा जा रहा है कि चौहान के लिए केंद्र की सरकार में कोई भूमिका तय की जाएगी। हालांकि मध्य प्रदेश की कुल 29 सीटों में से भी कई सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है मगर बहुत चर्चित छिंदवाड़ा सीट पर अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया। यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता श्री कमलनाथ के सुपुत्र नकुलनाथ संसद सदस्य हैं और वह कांग्रेस के टिकट पर 2019 के चुनाव में विजयी हुए थे। यह सीट श्री कमलनाथ की पुश्तैनी सीट मानी जाती है जो उनके पास 1980 से लगातार रही है। देखने वाली बात होगी कि इस बार इस सीट से भाजपा प्रत्याशी की घोषणा कब करती है और किसको उम्मीदवार बनाती है क्योंकि श्री कमलनाथ और उनके सुपुत्र नकुलनाथ के भाजपा में जाने की खबरें पिछले दिनों बहुत ज्यादा गर्म थी। भाजपा की प्रत्याशी सूची से यह भी पता चलता है की पार्टी अपने पंख दक्षिण भारत में भी फैलाना चाहती है क्योंकि इसने अपने कई मंत्रियों को इस बार राज्यसभा सदस्य होने के बावजूद लोकसभा चुनाव में उतारने का मन बनाया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five × 3 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।