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केजरीवाल की गिरफ्तारी बदलेगी दिल्ली की हवा ?

‘जिस गली में कभी जम्हूरियत रहा करती थी
आज वहां चुप सन्नाटों का अनगढ़ शोर है
मैली-मैली सी हैं ये बोसीदा हवाएं, करवटें लेती बेचैनियां
गूंगी आस्थाओं के नमन हर ओर हैं’

ऐसे दौर में जबकि देश में सबसे बड़े चुनावी महासमर की दुंदुभि बज चुकी है, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और ईडी को 6 दिनों का रिमांड मिलने से दिल्ली की सियासी फिजाओं में कई अलग-अलग रंग घुल चुके हैं। सूत्रों की मानें तो दिल्ली शराब घोटाले में केजरीवाल को गिरफ्तार करने से पहले केंद्रीय एजेंसियों ने इसके हर पहलू का बारीक मुआयना भी किया था। केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय-काल को लेकर बाकायदा देश की खुफिया एजेंसियों के ‘इनपुट’ को भी खंगाला गया था।
दरअसल, केंद्रनीत सत्ताधारी दल की असली चिंता इस बात को लेकर थी कि ऐन चुनावी माहौल में केजरीवाल की गिरफ्तारी से दिल्ली का जनमानस कितना उद्वेलित होगा। साथ ही दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें जो फिलहाल भाजपा के कब्जे में हैं, केजरीवाल की गिरफ्तारी से इनकी चुनावी संभावनाओं पर क्या असर पड़ेगा। सूत्रों की मानें तो इन खुफिया रिपोर्ट के इनपुट के बाद ही दिल्ली के लोकसभा चुनाव 6वें फेज़ यानी 25 मई को आहूत किए गए। इसके पीछे यही रणनीति समझी जाती है कि वक्त इन सियासी प्रत्यांचाओं की मार को और मद्दिम कर देगा। सो, केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद मुकाबले को एकतरफा बनाने की सधी को​िशश हुई है। वहीं इस ताज़ा सियासी घमासान से ‘इलेक्टोरल बांड’ का मुद्दा भी थोड़ा दब गया है।
राघव कहां हैं?
एक ऐसे वक्त जबकि अरविंद को अपने सबसे दुलारे राघव चड्ढा की सबसे ज्यादा जरूरत थी तो राघव चड्ढा ऐन वक्त परिदृश्य से गायब हैं। जब इनकी ढुंढाई शुरू हुई तो पता चला कि चड्ढा ने 8 मार्च को ही लंदन की फ्लाइट पकड़ ली थी। सूत्र यह भी खुलासा करते हैं कि राघव ‘रेटिना डिटेचमेंट प्रॉब्लम’ से जूझ रहे हैं और लंदन के ‘मूरफील्डस आई हास्पिटल’ में इनकी आंखों का ऑपरेशन भी होना है। बावजूद इसके राघव चड्ढा लंदन में यत्र-तत्र घूमते पाए गए। वे लंदन स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स गए, वहां के पार्लियामेंट भी गए, घूम-घूम कर कई स्थानों पर स्पीच भी दी और एक-एक कर भारतीय मूल के सांसदों से भी मिल रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो दिल्ली शराब घोटाले में ईडी का अगला निशाना राघव चड्ढा हो सकते थे। सूत्र यह भी खुलासा करते हैं कि जब राघव पर ईडी द्वारा केस दर्ज करने की सुगबुगाहट तेज हो गई तो प्रियंका चोपड़ा उसके संकट मोचक के रूप में अवतरित हो गईं। सनद रहे कि प्रियंका राघव की नई नवेली पत्नी परिणति चोपड़ा की रिश्ते में बहन लगती हैं। प्रियंका चोपड़ा के राजनीतिक रसूख और उनकी सत्ताधारी दल में ऊंची पहुंच कोई छुपी बात नहीं है। सो, लगता है राघव चड्ढा को फिलहाल अभयदान मिल गया है।
केजरीवाल की गद्दी पर कौन होगा काबिज?
अरविंद केजरीवाल को बहुत पहले ही इस बात का इल्म हो गया था कि ऐन चुनाव काल में ईडी उन्हें बख्शने के मूड में नहीं है लिहाजा, उनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। केजरीवाल ने अपने स्थानांपन्न विकल्प की तलाश बहुत पहले शुरू कर दी थी। जो भी पार्टी पदाधिकारी या विधायक उनसे मिलने आता तो केजरीवाल उनका मन टटोलने का प्रयास करने लगते थे। अपने सुप्रीमो की भावनाओं को भांपते हुए ज्यादातर आप विधायकों ने दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल का ही नाम आगे किया।
सुनीता केजरीवाल ने भी हिरासत से आए केजरीवाल के संदेश को आमजनों में एक भावुक अपील के तौर पर पहुंचा कर ऐसे कयासों को आकार ही दिए हैं। पर केजरीवाल के अपने मंत्रिमंडल के दो मंत्री ऐसे भी थे जिन्हें यह आइडिया रास नहीं आ रहा था। इनमें से एक मंत्री सिसोदिया के करीबी माने जाते हैं जबकि दूसरे मंत्री अपने बेबाक बोलों के लिए चर्चा में रहते हैं। यह वही मंत्री हैं जिनके आचरण और मंशा को लेकर केजरीवाल भी सशंकित हो गए थे और पिछले काफी समय से उनके पर कुतरने की तैयारियों में जुटे थे।
परीक्षा पर चर्चा के बहाने
जाहिर तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सियासत के उस्ताद बाजीगरों में शुमार होते हैं और किसी मौके को उत्सव में बदलने की कारीगरी उनसे बेहतर किसी को आती भी नहीं। चूंकि यह ‘परीक्षा पर चर्चा’ का सातवां आयोजन था सो पीएमओ इसे एक बड़े इवेंट में तब्दील करने में जुट गया। इससे पहले पीएम ने जब वर्चुअली स्कूली छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा की थी तो 38 लाख से ज्यादा बच्चे इससे जुड़े थे। सो, आयोजकों ने इस बार इस संख्या को ढाई करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा।
कहते हैं सीबीएसई अधिकारियों ने खुद इस बाबत देश भर के स्कूलों से संपर्क साधा और उन्हें आगाह किया कि ‘इस चर्चा के दौरान ज्यादा से ज्यादा बच्चे, शिक्षक और अभिभावक जुटने चाहिए। कोताही बरतने की सूरत में स्कूल की मान्यता के समक्ष संकट उत्पन्न हो सकता है।’ आयोजक इस बात से भली-भांति वाकिफ थे कि 12वीं में पढ़ने वाले बच्चे अपनी उम्र के 18वें पड़ाव में प्रवेश करते हुए पहली बार के वोटर हो सकते हैं और ये प्रथम बार के वोटर पीएम मोदी के आभामंडल के मुरीद हुए बिना नहीं रह सकते। सो, जब पिछले 29 जनवरी को प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में परीक्षा पर चर्चा का यह आयोजन संपन्न हुआ तो इससे वर्चुअली और फिज़िकली 2 करोड़ से ज्यादा बच्चे शामिल हुए, इसके अलावा 15 लाख ​शिक्षक और 6 लाख अभिभावक भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने। यानी दूर तक पहुंचा संदेश।
ओम बिड़ला और रामलला
विगत 11 मार्च को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला अपने संसदीय क्षेत्र के तकरीबन 150 ​िवशिष्ट लोगों को लेकर रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या धाम पहंुचे। स्पीकर महोदय के साथ जबर्दस्त सिक्यूरिटी भी चल रही थी। उनके साथ आए सुरक्षाकर्मी भी खुश थे कि चलो इस बहाने रामलला के दर्शन तो हो जाएंगे। जब ओम बिड़ला का यह कारवां राम मंदिर पहुंचा तो वे पहले अपने लोगों को मंदिर परिसर का भ्रमण कराने लगे। इसी दौरान रामलला के दर्शन के लिए आम लोगों की भीड़ बढ़ने लगी। जब तक स्पीकर महोदय मंदिर की सीढ़ियां चढ़ अंदर जाने लगे तो वहां इतनी धक्का-मुक्की हुई कि उन्हें नजदीक से रामलला के दर्शन ही नहीं हो पाए। उनके साथ आए लोगों का भी बस यही हाल था। स्पीकर महोदय अपने साथ अपना फोटोग्राफर भी लेकर आए थे ताकि रामलला के साथ अपनी फोटो भी क्लिक करा सकें, पर उनकी यह इच्छा भी अधूरी रह गई।
…और अंत में
कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी के घर जल्द ही शहनाई गूंजने वाली है। उनकी बेटी इनेका तिवारी जल्द ही अपने क्रिकेटर दोस्त हिम्मत सिंह के साथ विवाह बंधन में बंधने जा रही हैं। हिम्मत आईपीएल क्रिकेटर हैं और एक संपन्न जाट परिवार से ताल्लुक रखते हैं। ये दोनों दिल्ली के हिंदू कॉलेज में कभी साथ-साथ पढ़ा करते थे। इनेका ने उसके बाद एक बड़े कॉरपोरेट में नौकरी कर ली, हाल में ही उन्होंने अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया है ताकि वह अपने पिता के चुनाव प्रबंधन के कार्य को अंजाम दे सकें। परिवार से जुड़े सूत्र खुलासा करते हैं कि इनेका और हिम्मत की शादी एक ‘डेस्टीनेशन वेडिंग’ होगी जो आने वाले दिनों में श्रीलंका के कैंडी में संपन्न होने वाली है।

– त्रिदीब रमण 

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