Clocks Temple In Ujjain: उज्जैन के इस मंदिर क्यों बांधी जाती हैं 100000 घड़ियां

Clocks Temple in Ujjain: उज्जैन के इस मंदिर क्यों बांधी जाती हैं 100000 घड़ियां, इस अनोखे दिव्यता का राज जानकर हो जाएंगे हैरान

Clocks Temple in Ujjain

Clocks Temple in Ujjain: भारत में हर मंदिर का एक अपना रहस्य होता है। हिंदू धर्म में सभी मंदिरों की अपनी-अपनी मान्यता होती है। माना जाता है कि कुछ मंदिर तो ऐसे भी हैं जहां आज भी कुछ ऐसे राज छुपे हैं जिसे आजतक कोई नहीं जान पाया है। क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा भी मंदिर है जहां धागे नहीं बल्कि घड़ियों से लदा एक पेड़ है। लोग जब भी उज्जैन घूमने जाते हैं, तो वहां मौजूद ज्यादातर मंदिर में दर्शन करते हैं।

लेकिन उज्जैन से 45 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के उन्हेल तहसील में एक पेड़ की पहचान सिर्फ़ जड़ों के अलावा बाकी हिस्सों पर लगी घड़ियों से होती है। घड़ी वाले बाबा या घड़ी Clocks Temple के पेड़ के नाम से यह जगह काफी मशहूर है, जहाँ लोग दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं। पर्यटक यहां अपनी मनोकामना पूरी करने या मन्नत मांगने के लिए आते हैं।

Clocks Temple in Ujjain

आपने सुना होगा कि जब लोग मंदिर जाते हैं, तो वहां प्रसाद या फिर फूलों की माला चढ़ाते हैं। लेकिन आप ये सुनकर हैरान हो जाएंगे कि दुनिया में एक ऐसा भी मंदिर है जहां न तो प्रसाद चढ़ता है और न ही कोई फूल! अगर लोग वहां अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए कुछ चढ़ाते हैं, तो वो है घड़ियां। Clocks Temple जी हां सही सुना आपने लोग यहां घड़ियां चढ़ाते हैं। इस मंदिर की इतनी ज्यादा मान्यता है कि अब लोग यहां अपनी दुख भरी जीवन की कहानियां लेकर आते हैं। माना जाता है कि पहले इस मंदिर में आने वाले लोग भगवान की मूर्ति के पास घड़ी रखते थे।

लेकिन कुछ ही सालों में इसकी मान्यता इतनी बढ़ गई है कि अब पूरे मंदिर में सिर्फ घड़ियां ही घड़ियां नज़र आती हैं। जब मूर्ति के पास घड़ी बांधने की जगह नहीं बची तो लोग इसके पास मौजूद पेड़ में घड़ी बांधने लगे। अब ये पेड़ भी पूरी तरह घड़ियों से भर चुका है। इस मंदिर के पेड़ पर पत्तों से ज्यादा तो घड़ियां लटकी हुई हैं।

Clocks Temple in Madhya Pradesh: इस पेड़ पर पत्ते नहीं घड़ियां चढ़ती हैं

Clocks Temple in Ujjain

लोगों का मानना है कि लोग दूर-दूर से आते हैं और इस पेड़ में घड़ियां बांध कर चले जाते हैं। यह सिर्फ एक दिखावा नहीं बल्कि आस्था है। यहां घड़ी बांधने से उनकी सारी मनोकामना पूरी होती है। देखा जाए तो इस मंदिर में हज़ारों घड़ियां Clocks Temple लटकी हुई हैं, जो भी इस मंदिर में आता है वो घड़ी बांध कर चला जाता है। कुछ समय से इस मंदिर की मान्यता इतनी ज्यादा हो गई है कि अब इसके पास मौजूद पेड़ में घड़ी बांधने की जगह नहीं बची है।

Clocks Temple History: जाने क्या हैं इस पेड़ में घड़ी बांधने की कहानी

पिछले कुछ सालों से इस मंदिर में भीड़ बहुत ज्यादा बढ़ने लगी है। यहाँ तक कि अब जो इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं, अब उन्हें प्रसाद लेने में भी किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। क्योंकि इसके आस-पास काफी दुकानें भी खुल गई हैं। लेकिन इस मंदिर में कोई पुजारी नहीं है। घड़ियों के अलावा, लोग इस पेड़ पर नारियल, अगरबत्ती, सिगरेट और चिलम भी चढ़ाते हैं।

हालांकि इस बात को प्रमाणित नहीं किया गया है कि इस जगह का महत्व कब से बढ़ा और लोगों ने यहां घड़ियां बांधना कब शुरू किया। लेकिन लोगों ने अपनी आस्था और विश्वास से इसे एक तीर्थस्थल बना दिया है। अब लोग दूर-दूर से इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं, जो भी इस मंदिर में खाली हाथ आता है। यहां आकर उसकी सारी मनोकामना पूरी होती है, खासकर जब वो इस मंदिर के पास वाले पेड़ में घड़ी Clocks Temple बांधता है तब उसे भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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