Lok Sabha Election 2024: भारत के आम चुनाव में कितना पैसा होता है खर्च, 2024 में क्या है बजट

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

भारत के आम चुनाव में कितना पैसा होता है खर्च, 2024 में क्या है बजट

Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: देश के सबसे बड़े चुनाव यानी लोकसभा चुनाव 2024 का रण तैयार हो गया है। चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों को फाइनल टच दे रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही अपने प्रत्याशियों की दो लिस्ट जारी कर दी है। इसके अलावा सपा, रालोद, आप ने भी प्रत्याशियों का ऐलान किया है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 को कराने में कितना खर्च आएगा। साथ ही कौन उठाएगा ये खर्च।

Highlights

  • लोकसभा चुनाव 2024 का रण तैयार
  • के आम चुनावों का सकारात्मक विश्लेषण
  • आर्थिक विकास के कारकों में बदलाव दिखने की उम्मीद

चुनाव का बजट

मनीट्री पार्टनर्स के अनुसार, 2024 के आम चुनावों का सकारात्मक विश्लेषण करने के लिए कमर कस रहे हैं। वित्तीय विश्लेषण और राजनीतिक अंतर्दृष्टि में हमारी विशेषज्ञता के साथ, हमारा लक्ष्य चुनाव के निहितार्थों की स्पष्ट समझ प्रदान करना है। हमारा दृष्टिकोण हितधारकों के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए राजनीतिक गतिशीलता की सूक्ष्म समझ के साथ डेटा-संचालित पद्धतियों को जोड़ता है।

election 4

चुनाव पूर्व आर्थिक पूर्वानुमान

सूत्रों के अनुसार, चुनाव नजदीक आने के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था में आर्थिक विकास के कारकों में बदलाव देखने की उम्मीद है। खाद्य और तेल आपूर्ति के झटके जैसी चुनौतियों के बावजूद, अर्थव्यवस्था का विकास पूर्वानुमान स्थिर और लचीला बना हुआ है। 2023 के लिए 7.6% की वास्तविक जीडीपी वृद्धि और 2024 के लिए अनुमानित 6.8% के साथ, भारत भविष्य की वृद्धि के लिए विश्लेषण की गई 13 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

election2

राजकोषीय नीतियां और बाजार की अस्थिरता

चुनावी वर्ष में सरकार द्वारा अपनाई गई राजकोषीय नीतियां महत्वपूर्ण हैं। ग्रामीण रोजगार कार्यक्रमों, रसोई गैस सब्सिडी और खाद्य सब्सिडी कार्यक्रम के विस्तार के लिए आवंटन में वृद्धि से खपत में वृद्धि होने की उम्मीद है। हालाँकि, बढ़ी हुई खाद्य मुद्रास्फीति के कारण ब्याज दरों पर भारतीय रिज़र्व बैंक का सतर्क रुख, केवल 2024 के उत्तरार्ध में नीतिगत दर में क्रमिक ढील का सुझाव देता है।

election3

चुनाव के बाद की आर्थिक गतिशीलता

चुनाव के बाद सरकारी पूंजीगत व्यय में मंदी का अनुमान है। फिर भी, निजी निवेश में तेजी, अच्छी पूंजी वाली बैंक बैलेंस शीट और अनुकूल विनिर्माण माहौल से इसे संतुलित किए जाने की उम्मीद है। सार्वजनिक से निजी निवेश की ओर यह परिवर्तन आर्थिक गति को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य और बाजार भावना

विश्व स्तर पर भारत के चुनावों को राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक दिशा के बैरोमीटर के रूप में देखा जाता है। अंतर्राष्ट्रीय निवेशक और नीति निर्माता चुनावी प्रक्रिया पर उत्सुकता से नजर रख रहे हैं, बाजार की गतिशीलता को प्रभावित करने और भविष्य की आर्थिक नीतियों के लिए दिशा निर्धारित करने की इसकी क्षमता को पहचान रहे हैं।

election7

क्षेत्रीय प्रभाव और नवाचार

यहां चर्चा का एक बहुत अच्छा मुद्दा यह है कि आपके अनुसार कौन से क्षेत्र चुनाव परिणामों से सबसे अधिक प्रभावित होंगे और क्यों?

चुनावों का क्षेत्रीय प्रभाव भी पड़ता है, जो बुनियादी ढांचे से लेकर प्रौद्योगिकी तक के उद्योगों को प्रभावित करता है। नीति की निरंतरता या परिवर्तन की प्रत्याशा से व्यवसाय संचालन और निवेश निर्णयों में रणनीतिक बदलाव हो सकते हैं। इसके अलावा, भारत में उद्यमिता और नवाचार की भावना, स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों से प्रेरित होकर, आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा दे रही है। बिल्कुल, आइए चुनावों के क्षेत्रीय प्रभाव और भारत में बढ़ते नवाचार परिदृश्य के बारे में गहराई से जानें।

भारतीय आम चुनावों का विभिन्न क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जो अक्सर आने वाले वर्षों के लिए विकास की गति और दिशा तय करते हैं।

election5

कृषि: एक ऐसे क्षेत्र के रूप में जो आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से को रोजगार देता है, कृषि पर अक्सर चुनावों के दौरान नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया जाता है। ऋण माफी, सब्सिडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित नीतियां ग्रामीण वोटों को प्रभावित कर सकती हैं और बाजार की गतिशीलता को प्रभावित कर सकती हैं।

बुनियादी ढांचा: बुनियादी ढांचे का विकास चुनाव के समय एक लोकप्रिय वादा है, जिससे इस क्षेत्र में गतिविधि बढ़ जाती है। चुनाव के बाद, इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है और संबंधित उद्योगों को बढ़ावा मिल सकता है।

बैंकिंग और वित्तीय सेवाएँ: यह क्षेत्र नीतिगत परिवर्तनों के प्रति संवेदनशील है। चुनाव के नतीजे ब्याज दरों, मुद्रास्फीति और निवेश प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे बैंकिंग शेयरों का प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।

फार्मास्यूटिकल्स और हेल्थकेयर: चुनावी घोषणापत्रों में सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल महत्वपूर्ण हैं। स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे और सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता से इस क्षेत्र में निवेश बढ़ सकता है।

ऊर्जा: नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के साथ, चुनाव परिणाम सौर, पवन और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में समर्थन और निवेश का स्तर निर्धारित कर सकते हैं।

election4

नवाचार और उद्यमिता: विकास इंजन

अटल इनोवेशन मिशन और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों से भारत की उद्यमशीलता की भावना फिर से जागृत हुई है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना और स्टार्टअप के लिए एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना है।

स्टार्टअप इंडिया: 2016 में शुरू की गई इस पहल से हजारों स्टार्टअप का निर्माण हुआ, रोजगार पैदा हुआ और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला। यह स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए कर लाभ, आसान अनुपालन और “फंड ऑफ फंड्स” प्रदान करता है।

election6

अटल इनोवेशन मिशन (AIM): AIMने युवा दिमागों को पोषित करने के लिए 10,000 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब्स, स्टार्टअप्स का समर्थन करने के लिए 72 अटल इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए हैं और 1.1 करोड़ से अधिक छात्रों को नवाचार गतिविधियों में शामिल किया है।

डिजिटल इंडिया: इस अभियान ने सेवा वितरण में क्रांति ला दी है, जिससे सरकारी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हो गई हैं। इसने फिनटेक से लेकर ई-कॉमर्स तक डिजिटल स्टार्टअप की लहर को बढ़ावा दिया है।

कौशल भारत: व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करके, इस पहल का उद्देश्य नई अर्थव्यवस्था की चुनौतियों के लिए तैयार कार्यबल तैयार करना है, जिसमें स्टार्टअप और अभिनव उद्यमों में भूमिकाएं शामिल हैं।

election8

चुनाव, क्षेत्रीय विकास और नवाचार के बीच परस्पर क्रिया जटिल है। विजेता पार्टी द्वारा अपनाई गई नीतियां इन क्षेत्रों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेंगी, जिससे भविष्य के लिए भारत के आर्थिक परिदृश्य को आकार मिलेगा। सरकारी पहल और युवा, तकनीक-प्रेमी आबादी द्वारा समर्थित उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र, भारत की विकास गाथा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है। 

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 × 4 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।