Ram Mandir राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन होने में अब कुछ ही दिन शेष है। ऐसे में इस आयोजन के आयोजकों ने देश के सभी गणमान्य लोगो को निमंत्रण भेजा है। निमंत्रण हर क्षेत्र के सम्मानित वयक्तियों को भेजा गया है। खेल जगत की हस्ती से लेकर बड़े उद्योगपति तक सभी को इस बड़े आयोजन के लिए निमंत्रण भेजा गया। वही जब ये निमंत्रण राजनीतिक लोगो को भेजे गए तो सियासी पारा एक बार फिर ऊपर नीचे होने लगा। कुछ राजनीतिक दलों ने इस आयोजन को राजनीतिक कार्यक्रम बताते हुए निमंत्रण को ही अस्वीकार कर दिया।
कांग्रेस के बड़े नेताओं ने निमंत्रण किया अस्वीकार
Here is the statement of Shri @Jairam_Ramesh, General Secretary (Communications), Indian National Congress. pic.twitter.com/JcKIEk3afy
— Congress (@INCIndia) January 10, 2024
जिन नेताओं को इस भव्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण मिला है उनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी हैं. मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कार्यक्रम में शामिल से मना कर दिया।तो वहीं मनमोहन सिंह स्वास्थ्य कारणों की वजह से शामिल नहीं हो पाएंगे।
सीपीआईएम ने धर्म को राजनीति के साथ मिलाने का आरोप लगाए
CPI(M) believes that religion is a personal choice not to be converted into an instrument for political gain. Therefore, we will not be attending the inauguration of the Ram temple in Ayodhya. pic.twitter.com/glF4gluMzi
— CPI (M) (@cpimspeak) December 26, 2023
जिन नेताओं को निमंत्रण मिला और उन्होंने इसे ठुकरा दिया उनमें सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआईएम नेता वृंदा करात शामिल हैं। सीपीएम ने सरकार पर धर्म को राजनीति के साथ मिलाने का आरोप लगाया है।
ममता बनर्जी बंगाल में करेगी रैली
टीएमसी की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह कालीघाट मंदिर में देवी काली की पूजा करने के बाद दक्षिण कोलकाता के हाजरा क्रॉसिंग से ‘सद्भाव रैली’ शुरू करेंगी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि 22 जनवरी को मैं कालीघाट मंदिर जाऊंगी, वहां पूजा करूंगी। जिसके बाद सभी धर्मों के लोगों के साथ एक सद्भावना रैली में शामिल होऊंगी। राज्य सचिवालय ने कहा कि इस कार्यक्रम का किसी अन्य कार्यक्रमों से कोई लेना-देना नहीं हैं।
लालू यादव ने किया मना
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कैमरे पर कह दिया कि वो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जाएंगे। इससे पहले आरजेडी के कई नेता राम मंदिर और बीजेपी के विरोध में बयानबाजी करते रहे हैं।
सपने में आये थे राम
लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप ने तो इतना तक कह दिया है कि उनके सपने में राम आए थे। उन्होंने सपने में कहा था कि यह सब ढोंग कर रहा है। हम उस दिन 22 जनवरी को नहीं आएंगे. चार शंकराचार्य को भी सपने में राम जी आए हैं।
डॉ भीम रॉव आंबेडकर के पोते ने बताया राजनीतिक आयोजन
I received an invitation for the inauguration of Ram Mandir in Ayodhya.
I will NOT be attending the said event because the event has been appropriated by the BJP-RSS; a religious event has become a political campaign for electoral gains.
My grandfather Dr. B.R. Ambedkar warned… pic.twitter.com/XmK7gjbfNf
— Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) January 17, 2024
वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) पार्टी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से मिले न्योते को ठुकरा दिया है। बुधवार को ट्रस्ट को लिखे पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह को भाजपा और आरएसएस ने हड़प लिया है। भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि एक धार्मिक आयोजन को राजनीतिक इवेंट में बदल दिया गया है। वीबीए प्रमुख ने कहा कि उनके दादा डॉ. आंबेडकर ने चेताया था कि अगर राजनीतिक दल जाति और धर्म को राष्ट्र से ऊपर रखेंगे, तो देश की स्वतंत्रता फिर से खतरे में पड़ जाएगी।
शरद पवार ने बताया यह कार्यक्रम राजनीतिक उद्देश्यों के लिए
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को लिखे पत्र में पवार ने कहा, ”22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होने के बाद मैं स्वतंत्र रूप से समय निकालकर दर्शन के लिए आऊंगा और तब तक राम मंदिर का निर्माण कार्य भी पूरा हो जाएगा। इससे पहले समारोह के लिए निमंत्रण नहीं मिलने पर पवार ने बीजेपी पर कटाक्ष किया था। उन्होंने कहा था कि यह समझना मुश्किल है कि बीजेपी इस मुद्दे का इस्तेमाल धार्मिक या राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कर रही है।
अखिलेश ने दी अपनी प्रतिक्रिया
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 13, 2024
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने के सवाल पर कहा कि हम सभी लोग उस परंपरा को मानते हैं कि जब भगवान बुलाते हैं तभी दर्शन होते हैं। उन्होंने कहा कि घर से भगवान के दर्शन करके निकलते हैं। सीढ़ी उतरते ही भगवान के दर्शन होते हैं। दरवाजा खोलते ही भगवान के दर्शन होते हैं। अब आप ही बताइए कि किस भगवान के दर्शन करने जाऊं।