Mumps Cases surge in Mumbai: साल 2023 खत्म होने को है लेकिन जाते-जाते इस साल ने देश और दुनिया में कई बीमारियां फैलाकर लोगों को चिंता को बढ़ा दिया है। हाल ही में चीन में फैली रहस्यमी बीमारी ने लोगों को डराया है और अब देश के कई राज्यों में विशेष रूप से मुंबई हैदराबाद और तेलंगाना में फ़ैल रही मंप्स की बीमारी ने बड़े-बड़े हेल्थ एक्सपर्ट्स को चिंता में ड़ाल दिया है। यह बीमारी छोटे बच्चों में फैलती है लेकिन हाल ही में मुंबई में 18 साल के व्यक्ति में पाई गयी इस बीमारी ने स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता को बहुत बढ़ा दिया है। मंप्स की बीमारी होने पर मरीज की सुनने की शक्ति बहुत कम हो जाती है और धीरे-धीरे बिलकुल खत्म हो जाती है। आइये जानते हैं इस बीमारी के बारे में और इससे कैसे बचा जा सकता है।
- मंप्स की बीमारी ने बड़े-बड़े हेल्थ एक्सपर्ट्स को चिंता में ड़ाल दिया है
- यह बीमारी छोटे बच्चों में फैलती है लेकिन हाल ही में मुंबई में 18 साल के व्यक्ति में पाई गयी
- मंप्स की बीमारी होने पर मरीज की सुनने की शक्ति बहुत कम हो जाती है
- मंप्स होने पर शुरुआत में आम लक्षण दिखाई देते हैं जैसे, बुखार, सिर में दर्द
क्या है मंप्स की बीमारी?
डॉक्टर्स के अनुसार मंप्स की बीमारी एक वायरस के कारण बच्चों में तेजी से फैलती है यह वायरस पैरामाइक्सोवायरस से जुडा हुआ होता है। मंप्स की बीमारी होने पर शुरुआत में आम लक्षण दिखाई देते हैं जैसे, बुखार, सिर में दर्द और थकान महसूस होना, धीरे-धीरे इसमें सलाइवरी ग्लैंड्स (पैरोटाइटिस) में गंभीर सूजन आ जाती है जिससे गला, गाल और जबड़े पर सूजन आ जाती है। सूजन के कारण मरीज को सुनाई देना कम हो जाता है और उसकी सुनने की क्षमता इससे खत्म होने का खतरा भी रहता है।
इस साल बढ़े हैं मामले, चिंता में बीएमसी
बीएमसी के अनुसार मंप्स की बीमारी के प्रत्येक वर्ष मामले आते रहे हैं लेकिन इस साल इस बीमारी के मामलों में वृद्धि हुई है साथ ही यह बीमारी बच्चों में देखने को मिलती है लेकिन इस साल 18 साल के एक व्यक्ति में इसके लक्षण पाएं गए हैं जो भी एक बड़ा चिंता का विषय बन गया है।
वैक्सीन की अनदेखी से बढ़े मामले
बीएमसी के अनुसार मंप्स की बीमारी बहुत समय फैली थी जिसके बाद साल 1967 में इसकी वैक्सीन का निर्माण हुआ जिसके बाद मामलों में बहुत हद तक कमी आई है, जिससे लोग इस बीमारी को आम समझ कर अपने बच्चों को वैक्सीन नहीं लगवाते हैं जिस वजह से इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीमारी की चपेट में सिर्फ वही बच्चे हैं जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है। 8 महीने से लेकर 4 से 5 साल तक के बच्चों को यह वैक्सीन 3 डोज़ में लगवाई जाती है। इस वायरस से अपने बच्चों को बचाने के लिए यह वैक्सीन लगवानी चाहिए।
मंप्स की बीमारी के लक्षण
इस बीमारी से शुरुआत में बुखार, सिरदर्द, थकान, भूख में कमी और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। जिसके बाद धीरे-धीरे पैरोटिड ग्लैंड्स सूजने लगती है जिससे दोनों गाल, और जबड़ा भी सूज जाते हैं और मरीज को सुनाई देना बंद हो जाता है। मंप्स के लघभग 70% केसेस में पैरोटिड ग्लैंड्स होता ही है। इसके अलावा इस बीमारी के गंभीर लक्षणों में पेट दर्द, इल्युजन, तेज बुखार, दौरे पड़ना, उल्टी आना, गर्दन में अकड़न, सिर में तेज दर्द होना शमिल हैं।
कैसे फैलती है बीमारी?
मंप्स की बीमारी बिलकुल कोरोना वायरस की तरह फैलती है। पैरामाइक्सोवायरस जो मंप्स की बीमारी होने का मुख्य कारण है, यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के सीधे सम्पर्क में आने से फैलता है। यदि किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आप आते हैं और उसके मुंह या गले से निकलने वाली रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स आपके अंदर प्रवेश करती हैं तब आप भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। इससे बचने के लिए मास्क पहन कर रखें यह संक्रमित व्यक्ति के छींकने , खांसने और बात करने से भी एक दूसरे व्यक्ति में प्रवेश करता है। साथ ही खेल, डांस या कोई भी ऐसी गतिविधि करने से बचें जिससे लोगों से ज्यादा सम्पर्क करना पड़े।
क्या है इलाज?
इस बीमारी का वैक्सीन एक इलाज है जो छोटे बच्चों को बचपन में लगवाई जाती है। बीमारी होने पर कुछ समय बाद यह खुद ही ठीक हो जाती है कुछ उपाय करके आप इसमें आराम जरूर पा सकते हैं, जैसे- दिन में 2 से 3 बार गुनगुने नमक वाले पानी से गरारे करें, लिक्विड का सेवन ज्यादा मात्रा में करें, हार्ड खाने से बचें हल्का आसानी से चबाया जाने वाले खाना खाएं, सूजन होने पर बर्फ से सिकाई करें। इसके अलावा ऐसे कोई भी लक्षण दिखने पर सबसे पहले तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करें।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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