झारखंड हाईकोर्ट ने वर्ष 1984 के सिख दंगे के प्रभावितों को मुआवजे का भुगतान न किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने मुआवजा वितरण से संबंधित क्रिमिनल केस की मॉनिटरिंग करने को लेकर सतनाम सिंह गंभीर की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को तीन दिन में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
HIGHLIGHTS
- 84 के सिख दंगा प्रभावितों को कैबिनेट की मंजूरी के बाद भी मुआवजा नहीं
- हाईकोर्ट ने मुआवजे का भुगतान न किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई
- राज्य सरकार को तीन दिन में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा
कोर्ट ने सरकार से सिख दंगा पीड़ितों को मुआवजा भुगतान पर किया सवाल
सरकार को बताने को कहा गया है कि सिख दंगा पीड़ितों को किन-किन जिलों में कितना मुआवजा भुगतान किया गया है। कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा है कि बोकारो जिला में मुआवजा भुगतान के लिए 1 करोड़ 20 लाख की अतिरिक्त राशि कंटेंजेंसी फंड से उपलब्ध कराए जाने पर क्या हुआ? कैबिनेट ने भी इस पर अप्रूवल दे दिया है, इसके बाद भी बोकारो में मुआवजा भुगतान के लिए राशि क्यों नहीं आवंटित की गई? कोर्ट ने मुआवजा निर्धारण को लेकर रिटायर्ड जस्टिस डीपी सिंह की अध्यक्षता में वन मैन कमीशन की रिपोर्ट की कॉपी भी कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। लेकिन, सरकार ने यह रिपोर्ट भी पेश नहीं की। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 12 दिसंबर को निर्धारित की है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय एवं हस्तक्षेप कर्ता की ओर से फैसल अल्लाम ने पैरवी की।
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