प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी में भगवान महादेव का आशीर्वाद लिया और पुष्टि की कि उनके निर्वाचन क्षेत्र काशी ने पिछले 10 वर्षों में विकास का डमरू बजते देखा है। PM मोदी ने वाराणसी BHU में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, काशी समस्त ज्ञान की राजधानी है, आज काशी की वह शक्ति और स्वरूप फिर से उभर कर सामने आ रहा है। यह पूरे भारत के लिए गौरव की बात है। हम सब तो निमित्त मात्र हैं, जो काशी में करता है वही महादेव है। जहां भी हो महादेव का आशीर्वाद है कि पृथ्वी समृद्ध हो जाती है। उन्होंने कहा, फिलहाल, महादेव बहुत प्रसन्न हैं। इसलिए उनके आशीर्वाद से 10 वर्षों में काशी ने विकास का डमरू सभी दिशाओं में बजते देखा है। उन्होंने कहा, देश भर से और यहां तक कि दुनिया के कोने-कोने से लोग ज्ञान, शोध और शांति की तलाश में काशी आते हैं। हर प्रांत, हर भाषा, हर बोली, हर रीति-रिवाज से लोग काशी में आकर बस गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि अगले पांच साल में देश विकास को नई गति देगा।
- PM मोदी ने काशी में भगवान महादेव का आशीर्वाद लिया
- काशी ने पिछले 10 वर्षों में विकास का डमरू बजते देखा- PM मोदी
- काशी समस्त ज्ञान की राजधानी है- PM मोदी
- हर प्रांत, हर भाषा, हर बोली, हर रीति-रिवाज से लोग काशी में आकर बसे हैं- PM
यहां मुझे लोगों को संवारना है- PM मोदी
PM मोदी ने कहा, अगले पांच साल में देश इसी विश्वास के साथ विकास को नई गति देगा, देश सफलता के नए प्रतिमान गढ़ेगा और यही मोदी की गारंटी है। काशी को संवारने जा रहे हैं। सड़कें बनेंगी, पुल बनेंगे, इमारतें भी बनेंगी लेकिन यहां मुझे लोगों को संवारना है, हर दिल को संवारना है और सेवक बनकर संवारना है, साथी बनकर संवारना है। उन्होंने कहा कि जब भारत की समृद्धि की सराहना की जाती है, तो न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक समृद्धि की भी सराहना की जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा, एक समय था जब भारत की समृद्धि की कहानी पूरी दुनिया में कही जाती थी। इसके पीछे सिर्फ भारत की आर्थिक ताकत नहीं थी। इसके पीछे हमारी सांस्कृतिक समृद्धि, सामाजिक और आध्यात्मिक समृद्धि भी थी। उन्होंने कहा, काशी जैसे हमारे तीर्थ स्थान और विश्वनाथ धाम जैसे हमारे मंदिर राष्ट्र की प्रगति के लिए बलिदान स्थल हुआ करते थे।
काशी शिव की नगरी- PM मोदी
उन्होंने कहा कि मंदिर न केवल आध्यात्मिक माहौल की मेजबानी करते हैं बल्कि ‘साहित्य और संगीत की धाराएं’ भी बहाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, यहां ध्यान भी किया जाता था और वाद-विवाद भी होता था। यहां संवाद और शोध भी होते थे। यहां संस्कृति के स्रोत भी थे और साहित्य और संगीत की धाराएं भी थीं। उन्होंने कहा, काशी शिव की नगरी भी है, यह बुद्ध की शिक्षाओं की भूमि भी है। काशी जैन तीर्थंकरों की जन्मस्थली भी है और आदि शंकराचार्य को भी यहीं ज्ञान प्राप्त हुआ था। उन्होंने आगे कहा, नई काशी नए भारत की प्रेरणा बनकर उभरी है।
संस्कृत प्रतियोगिता के विजेताओं को दिए पुरस्कार
प्रधानमंत्री ने वाराणसी में बीएचयू में संसद संस्कृत प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए। सभा में मौजूद छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे उम्मीद है कि यहां से निकलने वाले युवा पूरी दुनिया में भारतीय ज्ञान, परंपरा और संस्कृति के ध्वजवाहक बनेंगे। सभा में मौजूद छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि यहां से निकलने वाले युवा पूरी दुनिया में भारतीय ज्ञान, परंपरा और संस्कृति के ध्वजवाहक बनेंगे। प्रधानमंत्री ने प्रतियोगिता के सभी विजेताओं को बधाई दी और उनके बच्चों की जीत पर उनके माता-पिता को भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आगे पुष्टि की कि काशी युवा पीढ़ी द्वारा सशक्त है। जो काशी काल से भी प्राचीन कही जाती है, उसकी पहचान को युवा पीढ़ी जिम्मेदारी से सशक्त कर रही है। ये दृश्य मन को प्रसन्न करता है, गौरवान्वित करता है और विश्वास भी दिलाता है कि युवा देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। पीएम मोदी ने वाराणसी के बीएचयू में छात्रों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं। वह दर्शकों के बीच बैठे छात्रों के पास गये और थोड़ी देर के लिए उनका अभिवादन किया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र और अभिभावक भी शामिल हुए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने काशी पर दो पुस्तकों का भी विमोचन किया।
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