जानिए ! विशेष सत्र में क्या होगा खास , नई और पुरानी संसद के दोनों भवन तैयार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

जानिए ! विशेष सत्र में क्या होगा खास , नई और पुरानी संसद के दोनों भवन तैयार

इस बार 18 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद के विशेष सत्र के लिए तीन दिनों तक रिहर्सल की गई और अब अमृतकाल में बुलाए जाने वाले संसद के विशेष सत्र के लिए संसद भवन की नई और पुरानी दोनों इमारतें पूरी तरह से तैयार हैं।

इस बार 18 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद के विशेष सत्र के लिए तीन दिनों तक रिहर्सल की गई और अब अमृतकाल में बुलाए जाने वाले संसद के विशेष सत्र के लिए संसद भवन की नई और पुरानी दोनों इमारतें पूरी तरह से तैयार हैं।
सूत्रों के अनुसार, संसद के विशेष सत्र के लिए एक दिन पुरानी इमारत में और दो दिन संसद की नई इमारत में रिहर्सल की गई। पुराने संसद भवन में संसद सत्र के लिए सभी व्यवस्थाएं पहले से ही कर ली गई हैं।
बता दे कि चूंकि इस बार विशेष सत्र के पहले दिन यानी 18 सितंबर को फोटो सेशन संसद भवन की पुरानी बिल्डिंग में होना है, इसलिए वहां भी खास तैयारियां की गई हैं। वहीं नए संसद भवन के लिए यह पहला सत्र होगा, इसलिए नए भवन में संसद सत्र के लिए सभी व्यवस्थाओं और सुविधाओं की जांच के लिए दो दिनों तक रिहर्सल की गई।
बता दे कि विशेष रूप से मंत्रियों और सांसदों के लिए बैठने की व्यवस्था, सीटें, माइक और डिस्प्ले समेत तमाम तकनीकी व्यवस्थाओं का ट्रायल कर यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया कि सत्र के दौरान नए संसद भवन में किसी को किसी तरह की असुविधा या दिक्कत न हो।
वही , मज़ेदार बात यह है कि रिहर्सल और ट्रायल के दौरान संसद भवन के कर्मचारियों को सांसदों की जगह सीटों पर बैठाया गया, माइक की बार-बार जांच की गई और डिस्प्ले की जांच की गई।
बताया जा रहा है कि सरकार संसद के इस विशेष सत्र के आखिरी 3 दिन, जो 18 से 22 सितंबर तक 5 दिन यानी 20, 21 और 22 सितंबर तक चलेगा, इस बिल को सदन में पेश करेगी।
आपको बता दें कि 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र को लेकर बीजेपी ने पहले ही लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को 18 से 22 सितंबर तक सभी पांच दिनों की सदन की कार्यवाही के दौरान तीन लाइन का व्हिप जारी कर दिया है। सदन में पूरे समय अनिवार्य रूप से उपस्थित रहकर सरकार के पक्ष का समर्थन करने का निर्देश दिया गया है।
वहीं सरकार की तरफ से भी सभी मंत्रियों को सत्र के दौरान सदन में मौजूद रहने का निर्देश जारी कर दिया गया है।
सांसदों को व्हिप जारी कर पांचों दिन सदन में उपस्थित रहने का निर्देश देने के बाद विशेष सत्र के दौरान सभी मंत्रियों की स्पेशल ड्यूटी लगाने के सरकार के फैसले से फिर एक बार इन कयासों को बल मिलने लगा है कि भले ही सरकार ने सत्र के एजेंडे को सार्वजनिक कर दिया हो, लेकिन सरकार इस सत्र के दौरान कोई बड़ा और महत्वपूर्ण बिल या प्रस्ताव लाना चाहती है।
दरअसल, संसद के विशेष सत्र के एजेंडे को लेकर विपक्षी दलों की ओर से उठाए जा रहे सवालों के बीच सरकार ने बुधवार को ही विशेष सत्र के एजेंडे को मंजूरी दे दी थी. संसद के आगामी विशेष सत्र के दौरान आजादी के 75 वर्षों की – संविधान सभा से लेकर आज तक – उपलब्धियों पर चर्चा की जाएगी।
इसके साथ ही सरकार की ओर से यह भी साफ कर दिया गया है कि विशेष सत्र के एजेंडे में 75 साल के सफर पर चर्चा के साथ-साथ चार अहम बिल भी शामिल हैं।

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