पीएम मोदी ने आज उत्तराखंड के रुद्रपुर में चुनावी रैली को संबोधित किया। रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा- “तमिलनाडु में समुद्र के नीचे एक द्वीप था, लेकिन कांग्रेस ने इसे श्रीलंका को दे दिया और अब जब हमारे मछुआरे गलती से उस क्षेत्र में जाते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है। क्या यह कांग्रेस कभी हमारी जमीन की रक्षा कर सकती है, जब उसने हमारी कच्चाथीवू द्वीप दूसरे देश को दे दी।”
Highlights
- कच्चाथिवू द्वीप’ विवाद पर पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा।
- पीएम उत्तराखंड के रुद्रपुर में चुनावी रैली को किया संबोधित।
- उत्तराखंड में 19 अप्रैल को होगा मतदान।
क्या है ‘कच्चाथिवू द्वीप’ विवाद ?
भारत और श्रीलंका के बीच ‘पाक स्ट्रैट’ में 285 एकड़ में फैला हुआ क्षेत्र है। कच्चाथिवू द्वीप भारत के रामेश्वरम से तकरीबन 14 मील की दूरी पर स्थित है। वर्ष 1974 में भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और श्रीलंका की सिरिमा आर.डी. भंडारनायके ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था। उसी समझौते के तहत कच्चाथिवू को श्रीलंका क्षेत्र के हिस्से के रूप में मान्यता मिल गई।प्रधानमंत्री के इन बयानों के साथ ही कच्चाथीवू द्वीप का दशकों पुराना क्षेत्रीय और मछुआरों के विवाद से जुड़े मुद्दे एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है और भाजपा इस मुद्दे पर काफी आक्रमक दिख रही है।
‘एक्स’ पोस्ट पीएम मोदी ने DMK को बताया ‘परिवारिक इकाई’
सोमवार को ’एक्स’ पर अपने पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा ‘कच्चाथिवू द्वीप’ विवाद के लिए डीएमके (DMK) को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा की डीएमके (DMK) ने तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा- ‘कच्चाथिवू विवाद पर डीएमके (DMK) का दोहरा मापदंड सामने आया। कांग्रेस और डीएमके (DMK) दोनों ही परिवारिक इकाइयां हैं और ये लोग केवल अपने बेटे-बेटियों को आगे बढ़ाते है। फिलहाल, कच्चाथिवू विवाद पर दक्षिण से लेकर उत्तर तक की राजनीति गर्म है। दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार, उत्तरखंड में 19 अप्रैल को ही वोटिंग होना है।543 लोकसभा सीटों में से, उत्तराखंड में केवल 5 सीटें हैं और भाजपा ने माला राज्य लक्ष्मी शाह, अनिल बलूनी, अजय टम्टा, अजय भट्ट को मैदान में उतारा है।
उत्तराखंड में परंपरागत रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद है
2014 और 2019 दोनों लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने सभी लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। 70 विधानसभा सीटों में से 47 सीटों के साथ, 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा का दबदबा रहा, जबकि कांग्रेस को 19 सीटें मिलीं। बसपा और निर्दलीयों के पास 2-2 सीटें हैं।
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