केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, जम्मू-कश्मीर में कृत्रिम वर्ग बनाया अनुच्छेद 35ए - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, जम्मू-कश्मीर में कृत्रिम वर्ग बनाया अनुच्छेद 35ए

तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अनुच्छेद 35ए एक विशेष नियम है जो केवल जम्मू-कश्मीर में रहने वाले लोगों पर लागू होता है। यह नियम

तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अनुच्छेद 35ए एक विशेष नियम है जो केवल जम्मू-कश्मीर में रहने वाले लोगों पर लागू होता है। यह नियम अनुच्छेद 35 अन्य नियम से अलग बनाया गया था। केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ को बताया कि अनुच्छेद 35ए केवल जम्मू-कश्मीर पर लागू होता है, जिससे एक ‘कृत्रिम वर्ग’ बनता है। मेहता ने अदालत से कहा कि अनुच्छेद 35ए ने भारत के संविधान में एक नया प्रावधान बनाया है, जो केवल जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासियों पर लागू होगा। अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमनी ने सॉलिसिटर जनरल की दलील को यह कहकर मजबूत किया कि अनुच्छेद 35ए अनुच्छेद 35 का संशोधन नहीं है बल्कि यह संविधान के तहत एक नए अनुच्छेद का निर्माण है।
अस्थायी प्रावधान के रूप में माना गया
उन्होंने कहा कि वर्षों से बसे सफ़ाई कर्मचारियों जैसे समान स्थिति वाले व्यक्ति, जो स्थायी निवासियों की कृत्रिम रूप से बनाई गई परिभाषा के अंतर्गत नहीं आते थे, जम्मू-कश्मीर में सभी मौलिक अधिकारों से पूरी तरह से वंचित थे। सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि यदि कोई निवासी महिला जम्मू-कश्मीर के बाहर शादी करती है, तो वह अपनी स्थायी निवास खो देती है, उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही अनुच्छेद 370 को एक अस्थायी प्रावधान के रूप में माना गया था।
इससे क्षेत्र में प्रगति के रास्ते खुलेंगे
मेहता ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने वाले राज्य के राजनीतिक दलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें इसे निरस्त करने पर जम्मू-कश्मीर के निवासियों का मार्गदर्शन करना चाहिए, क्योंकि इससे क्षेत्र में प्रगति के रास्ते खुलेंगे। उन्होंने कहा, आपके आधिपत्य में कम से कम दो प्रमुख राजनीतिक (पार्टियां) हैं जो अनुच्छेद 370 का बचाव (बरकरार) कर रही हैं, जिसमें अनुच्छेद 35ए भी शामिल है। उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक नहीं हैं।
अब उन्हें एहसास हुआ 
उन्होंने आगे कहा, ”अब तक लोगों को उन (राजनीतिक दलों का जिक्र) द्वारा आश्‍वस्त किया गया है कि यह आपके लिए लड़ने का विशेषाधिकार है कि कोई भी आपसे अनुच्छेद 370 नहीं छीन सकता। यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण हिस्सा है। मेहता ने कहा कि ऐसे कई प्रावधान थे जो लोगों के हितों के खिलाफ काम कर रहे थे, लेकिन निवासी अनुच्छेद 370 को बरकरार रखने के लिए राजी थे। मेहता ने तर्क दिया, “अब उन्हें एहसास हुआ है कि उन्होंने क्या खोया है। आर्टिकल 35ए नहीं होने की वजह से निवेश आ रहा है। अब पुलिसिंग केंद्र के पास होने से पर्यटन शुरू हो गया है… अब तक 16 लाख पर्यटक आ चुके हैं। नए होटल आ रहे हैं जो बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 + eleven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।