कुलगाम में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि केंद्र ने जम्मू-कश्मीर से न सिर्फ उसकी पहचान छीन ली, बल्कि देश की सबसे बड़ी रियासत के दो टुकड़े भी कर दिए। अंग्रेज भी इसे तोड़ने की जुर्रत नहीं कर पाए, लेकिन पौने दो सौ साल के अस्तित्व को केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 के फैसले से एक तरह से खत्म कर दिया। आज हम दुनिया को क्या बताएं, हम सबसे बड़ी रियासत से नहीं बल्कि एक केंद्र शासित प्रदेश के रहने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि आम तौर पर होता ये है कि किसी केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जाता है ये तो ऐसा हुआ जैसे डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) को थानेदार बना दिया जाए और मुख्यमंत्री को एमएलए और चीफ सेकेट्री को पटवारी। ये काम कोई अक्लमंद आदमी नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि मैं इस मुद्दे पर संसद में काफी बोल चुका हूं।
प्रदेश का दर्जा न मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा नहीं मिल जाता कांग्रेस संघर्ष करती रहेगी, चाहे इसके लिए हमें जान ही क्यों न गंवानी पड़े, हम गोली खाने को तैयार हैं।
हाईकोर्ट करे हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच
उन्होंने कहा कि सुरक्षाबल आतंकवादियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखें, लेकिन किसी भी बेगुनाह की जान न जाए। हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच हाईकोर्ट के जज से करवानी चाहिए।