दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज 10 साल पुराने कोयला घोटाले में सीबीआई स्पेशल कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई। कोयला घोटाले में CBI कोर्ट ने मधु कोड़ा को सजा सुनाई थी। और 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इस मामले की अगली सुनवाई तक मधु कोड़ा को अंतरिम जमानत मिली है। गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2017 को ही सीबीआई की विशेष अदालत ने घोटाले के मुख्य आरोपी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को इसी मामले में 3 साल की जेल की सजा सुनाई है।
न्यायाधीश भरत पाराशर ने कोड़ा के करीबी और सहयोगी विजय जोशी, पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता और झारखंड के तत्कालीन मुख्य सचिव ए के बासु को भी 3-3 साल की जेल की सजा सुनाई। यह घोटाला झारखंड में कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़ा है। कोयला घोटाले में सजा पाए दोषियों में मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु, कोड़ा के करीबी विजय जोशी शामिल थे।
कोर्ट ने प्राइवेट कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग पर भी 50 लाख का जुर्माना लगाया था। हालांकि मधु कोड़ा, जोशी, गुप्ता और बासु को उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए दो महीने की अग्रिम जमानत दी गई थी। मधु कोड़ा को झारखंड में गैरकानूनी रूप से कोल ब्लॉक को कोलकाता के किसी कंपनी को आवंटित करने का आरोपी पाया गया था। बताया जाता है कि, राजहारा नॉर्थ कोल ब्लॉक की आवंटन 2004 से लेकर 2009 के बीच कथित अपराधों का एक बड़ा उदाहरण था। साल 2012 में यह घोटाला अखबारों की सुर्खियों में था। गैरकानूनी रूप के कोल ब्लॉक आवंटन के कारण देश को 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
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