असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को कहा कि उन्होंने अधिकारियों को मध्यकालीन संत-विद्वान श्रीमंत शंकरदेव की आलोचना करने वाले एक पुस्तक के लेखक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। असम विधानसभा में शून्यकाल के दौरान विपक्षी दल कांग्रेस के देबब्रत सेकिया ने यह मुद्दा उठाया और शंकरदेव की आलोचना करने वाली दो पुस्तकों पर प्रतिबंध की मांग की। इनमें से एक पुस्तक के लेखक की मृत्यु हो चुकी है।
पुस्तक में शंकरदे व की विचारधारा पर सवाल खडे किए गए हैं
कांग्रेस सदस्य ने कहा, ”असमी समाज के हित में कृपया शंकरदेव विरोधी दोनों पुस्तकों पर प्रतिबंध लगाइये। दोनों पुस्तकों में श्रीमंत शंकरदेव की विचारधारा पर सवाल उठाए गए हैं। ” इसपर, सरमा ने सदन को बताया कि महज दो पुस्तकें श्रीमंत शंकरदेव की प्रतिष्ठा को कम नहीं कर सकतीं।
धारा 153 के तहत मामला दर्ज करने के निर्देश
गृह विभाग का प्रभार भी संभालने वाले सरमा ने कहा, ‘‘ मैंने अधिकारियों को लेखक के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।’’मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि असम सरकार इन पुस्तकों पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती है, क्योंकि ऐसा करने की शक्ति उसके पास नहीं है।