तमिलनाडु विधानसभा में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के खिलाफ प्रस्ताव पारित

तमिलनाडु विधानसभा में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के खिलाफ प्रस्ताव पारित

तमिलनाडु विधानसभा ने बुधवार को केंद्र की प्रस्तावित ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ नीति के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है। प्रस्ताव में इसे अव्यवहारिक और लोकतांत्र के खिलाफ बताया गया है। विधानसभा ने परिसीमन को लेकर भी एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें कहा गया कि 1971 की जनसंख्या (जनगणना) इस प्रक्रिया को पूरा करने का मानदंड होनी चाहिए।

  Highlights 

  • एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के खिलाफ प्रस्ताव पारित  
  • परिसीमन प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाने का आग्रह 
  • एक राष्ट्र एक चुनाव प्रस्ताव निरंकुश- मुख्यमंत्री 

परिसीमन प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाने का आग्रह

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एक और प्रस्ताव पेश किया, जिसमें केंद्र से जनगणना के आधार पर 2026 के बाद प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाने का आग्रह किया गया। उन्होंने इसे एक साजिश करार दिया। प्रस्ताव में केंद्र सरकार से इसे लागू नहीं करने का आग्रह किया गया।

एक राष्ट्र एक चुनाव प्रस्ताव निरंकुश- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक राष्ट्र एक चुनाव प्रस्ताव को निरंकुश बताया। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि इससे तमिलनाडु और दक्षिणी राज्यों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की संख्या में गिरावट आएगी।

एक राष्ट्र एक चुनाव बिल्कुल अव्यावहारिक

सीएम स्टालिन ने कहा, दोनों प्रस्ताव लोकतंत्र पर आघात करते हैं और इनका एकजुट होकर विरोध किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, “एक राष्ट्र एक चुनाव बिल्कुल अव्यावहारिक है और यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। यह स्वतंत्र, फ्री और निष्पक्ष चुनाव की संवैधानिक गारंटी के पूरी तरह से खिलाफ है।

प्रस्ताव से राज्य विधानसभाएं समय से पहले भंग हो सकती हैं।

उन्होंने पूछा, “इस प्रस्ताव से राज्य विधानसभाएं समय से पहले ही भंग हो सकती हैं जो संविधान के खिलाफ है। अगर केंद्र में सरकार गिरती है, तो क्या सभी राज्य विधानसभाएं भंग कर दी जाएंगी? इसी तरह, अगर कुछ राज्यों में सरकारें अल्पकालिक होंगी, तो क्या केंद्र में सत्ता में रहने वाले लोग पद छोड़ देंगे? क्या इससे अधिक हास्यास्पद कोई नीति हो सकती है?” सीएम ने आगे कहा कि स्थानीय निकायों के चुनाव कराना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है और स्थानीय चुनाव कराने का दावा करने का मतलब राज्य के अधिकारों को हड़पना भी है।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 + seven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।