Saurabh Tiwary Retirement : झारखंड के बाएं हाथ के बैटर सौरभ तिवारी ने प्रोफेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। उन्हें उनके शुरूआती दिनों में महेंद्र सिंह धोनी कि कॉपी मान आजता था क्योंकी सौरभ के भी धोनी कि तरह लम्बे बाल थे।
HIGHLIGHTS
- Saurabh Tiwary ने किया संन्यास का ऐलान
- झारखंड और राजस्थान का रणजी मुकाबला सौरभ का आखिरी मैच होगा
- भारत के लिए 3 वनडे मुकाबले खेले
34 साल के सौरभ झारखंड के लिए अपना आखिरी मुकाबला 16 फरवरी से खेलेंगे। इस दिन से जमशेदपुर में झारखंड और राजस्थान के बीच रणजी ट्रॉफी मैच शुरू होगा। सौरभ ने 11 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उन्होंने 2006-07 के रणजी ट्रॉफी सीज़न में फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था और फिर विराट कोहली की अगुआई में 2008 में मलेशिया में हुए अंडर-19 विश्व कप में हिस्सा लिया था। तब भारत चैंपियन बना था।
लंबे बालों की वजह से आए थे सुर्खियों में
महेंद्र सिंह धोनी की तरह लंबे बाल रखने वाले सौरभ तिवारी अपने बालों के चलते ही लाइम लाइट में आए थे, उसके बाद उन्होंने 2010 के आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए दमदार प्रदर्शन करते हुए 419 रन बनाए थे। इसी साल सौरभ को पहली बार टीम इंडिया से बुलावा आया था। लेकिन, सौरभ को अपने इंटरनेशनल डेब्यू के लिए अक्टूबर तक का इंतजार करना पड़ा था। उन्होंने तीन वनडे में 49 रन बनाए थे। इसमें से 2 में तो वो नाबाद लौटे थे।
फर्स्ट क्लास करियर में बनाए हजारों रन
सौरभ ने 17 साल के अपने फर्स्ट क्लास करियर में झारखंड के लिए सबसे अधिक रन बनाए। वर्तमान में उनके नाम 189 पारियों में 47.51 की औसत से 8030 रन हैं, जिसमें 22 शतक और 34 अर्धशतक शामिल हैं, जो एमएस धोनी के 131 मैचों में 7038 रन से ज्यादा हैं।
झारखंड की संभाली बागडोर
सौरभ ने सभी फॉर्मेट में 88 मैच में झारखंड की कप्तानी की। इसमें से 36 मुकाबले जीते, 33 हारे और 19 ड्रॉ रहे। उन्होंने सात बार ईस्ट जोन की टीम का नेतृत्व भी किया (2023 में 50 ओवर की देवधर ट्रॉफी में 6 और 2010 में चार दिवसीय दलीप ट्रॉफी में एक बार)। 2023-24 रणजी सीज़न में, झारखंड ने 6 मैच में एकमात्र जीत हासिल की है और क्वार्टर फाइनल की दौड़ से टीम बाहर हो गई है।
सौरभ ने प्रेस कांफ्रेंस में किया संन्यास का ऐलान
सौरभ तिवारी ने सोमवार को जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं एक ऐसा लड़का रहा हूं, जिसने स्कूलिंग से पहले ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। आज इतने लंबे सफर को अलविदा कहना मुश्किल है। लेकिन, मुझे ये पता है कि इस निर्णय का ये बिल्कुल सही वक्त है। मुझे ऐसा लगता है कि अगर आप भारतीय टीम में शामिल नहीं हो सकते या फिर आईपीएल में भी नहीं खेल रहे तो फिर यही ठीक है कि झारखंड की टीम में युवाओं के लिए जगह खाली की जाए। हमारी टीम में अभी युवाओं को काफी मौके मिल रहे हैं और इस कारण से मेरा यह फ़ैसला बिल्कुल ठीक है।”