Kids Into Substance Abuse : भारत में 1.5 करोड़ नाबालिग बच्चे करते हैं नशा, Supreme Court ने दी जानकारी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

Kids Into Substance Abuse : भारत में 1.5 करोड़ नाबालिग बच्चे करते हैं नशा, Supreme Court ने दी जानकारी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक अहम जानकारी दी गई है। जहाँ ये बताया गया है कि भारत में लगभग 1.5 करोड़ बच्चे नशीले पदार्थों का सेवन लगातार कर रहे हैं । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंत्रालय ने 10-17 साल के बच्चों में शराब से लेकर नशीले पदार्थ के साथ ही विभिन्न प्रकार के हानिकारक पदार्थों के सेवन की जानकारी दी है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक अहम जानकारी दी गई है। जहाँ ये बताया गया है कि भारत में लगभग 1.5 करोड़ बच्चे  नशीले पदार्थों का सेवन लगातार कर रहे हैं । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंत्रालय ने 10-17 साल के बच्चों में शराब से लेकर नशीले पदार्थ के साथ ही विभिन्न प्रकार के हानिकारक पदार्थों के सेवन की जानकारी दी है।
सर्वे से पता चला कि बच्चों में सबसे ज्यादा प्रचलन नशीले पदार्थों के सेवन का :
सर्वे से पता चला कि बच्चों में सबसे ज्यादा प्रचलन नशीले पदार्थों का सेवन करने का है, जिसमें लगभग 40 लाख बच्चे इसका सेवन करते थे। इसके बाद 30 लाख नाबालिगों की ओर से धुएं वाले नशे  का इस्तेमाल किया जाता था। शराब का सेवन भी करीब तीस लाख बच्चे करते थे।इसके साथ ही इस सर्वे में पता चला कि बच्चे अन्य हानिकारक ड्रग्स जैसे एम्फैटेमिन, कोकीन, भांग आदि का उपयोग करते थे। यह कुल जनसंख्या का 1 प्रतिशत से भी कम था. कुल मिलाकर इस रिपोर्ट में कहा गया कि लगभग 1.5 करोड़ बच्चे इन नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं।
देश में लगभग 16 करोड़ लोग करते हैं शराब का सेवन :
बात की जाए अगर पूरे देश की  देश में लगभग 16 करोड़ लोग शराब का सेवन करते हैं जबकि 5.7 करोड़ से अधिक लोग हानिकारक या जहरीली शराब के उपयोग से प्रभावित हैं और इसके लिए उन्हें मदद की जरूरत है।सरकार के इन सभी आकंड़ों से पता चलता है कि 3.1 करोड़ व्यक्ति भांग का सेवन करते हैं, जिनमें से लगभग 25 लाख लोग भांग की लत से बुरी तरह से पीड़ित हैं।आंकड़े यह भी बताते हैं कि 2.26 करोड़ लोग नशीले पदार्थों  का उपयोग करते हैं, जिनमें से लगभग 77 लाख को इस लत से बाहर निकालने की जरूरत है।लखों लोगों क नशों से घिरना चिंता का विषय है।
नशा मुक्त देश बनाने के सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास
सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के एनजीओ ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे खतरे की घंटी बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने कई दिशा निर्देश जारी किए थे, जिसमें केंद्र से स्कूली बच्चों के बीच बढ़ते नशीले पदार्थों के सेवन के मामलों को रोकने के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार करने के लिए कहा गया था।कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि इसका एक व्यापक रूप से राष्ट्रीय सर्वेक्षण किया जाए।बहरहाल सरकार पूरे प्रयास कर रही है की देश को नशा मुक्त किया जाए और युवाओं को नशे से बचाया जाए फ़िलहाल ज़रूरत है लोग नशे से दूर रहें और अपनी कीमती ज़िंदगी को बचाएं।

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