मनसुख मांडविया बोले- ‘रक्तदान अमृत महोत्सव’ के दौरान ढाई लाख लोगों ने रक्त दान किया - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

मनसुख मांडविया बोले- ‘रक्तदान अमृत महोत्सव’ के दौरान ढाई लाख लोगों ने रक्त दान किया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि 17 सितंबर से शुरू होकर एक अक्टूबर तक चले ‘रक्तदान अमृत महोत्सव’ के दौरान ढाई लाख से अधिक लोगों ने रक्त दान किया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि 17 सितंबर से शुरू होकर एक अक्टूबर तक चले ‘रक्तदान अमृत महोत्सव’ के दौरान ढाई लाख से अधिक लोगों ने रक्त दान किया।
मांडविया ने शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आयोजित राष्ट्रीय रक्तदान दिवस पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘रक्तदान अमृत महोत्सव’ की सफलता से कई मूल्यवान जिंदगियों को बचाने में बड़ी मदद मिलेगी।
मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के प्रति भारत की प्रतिक्रिया ‘लोक भागीदारी’ की समृद्ध संस्कृति से प्रेरित थी, जिसने महामारी से जूझने का रास्ता दिखाया और विश्व का सबसे बड़ा कोविड टीकाकरण कार्यक्रम चलाया गया।मंत्री ने स्वैच्छिक रक्तदाताओं, असाधारण काम करने वाले केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों, दुर्लभ रक्त समूह के दानदाताओं, नियमित एकल दानदाता, प्लेटलेट्स दानदाता, महिला रक्त दानदाता और नियमित स्वैच्छिक दानताओं को सम्मानित किया।एक यूनिट (इकाई) खून का मतलब 350 मिलीलीटर रक्त से है। वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार भारत को सालाना 1.5 करोड़ इकाई खून की जरूरत पड़ती है।
Health Minister Mansukh Mandaviya To Visit Kerala, Assam To Review Covid-19  Situation - कोरोना : स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया केरल और असम का दौरा करेंगे,  महामारी से निपटने के लिए ...
भारत में हर दो सेकंड में एक मरीज को खून की जरूरत पड़ती है। हर तीन भारतीय में से एक को जीवन में कभी न कभी रक्त की जरूरत पड़ती है।एक व्यक्ति के शरीर में पांच-छह लीटर खून होता है और वह हर 90 दिन में रक्त दान कर सकता है।मानव शरीर बहुत तेजी से खून की कमी को पूरा कर सकता है, जैसे कि रक्त प्लाज्मा की मात्रा की पूर्ति 24 से 48 घंटों में हो जाती है, लाल रक्त कोशिका की कमी करीब तीन हफ्ते में हो जाती है, जबकि श्वेत रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स की कमी कुछ मिनट के अंदर पूरी हो जाती है।
एकत्र किये गये खून का जीवन काल 35 से 42 दिन होता है। एकत्र रक्त का प्रसंस्करण इसके तत्वों प्लाज्मा, लाल रक्त कोशिका और प्लेटलेट्स में किया जाता है।बर्फ की मदद जमाये गये प्लाज्मा का इस्तेमाल एक साल तक किया जा सकता है, लेकिन लाल रक्त कोशिका का इस्तेमाल 35 से 42 दिन तक हो सकता है।इसी तरह प्लेटलेट्स का इस्तेमाल पांच दिन के अंदर तक कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

17 − fifteen =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।