कुछ के लिए नायक, कुछ के लिए खलनायक। कुछ कहते हैं, उनको नोबेल मिलना चाहिए। कुछ कहते हैं, उनको गोली मार देनी चाहिए। कुछ लोगों की नज़र में वो क्रांतिकारी हैं। कुछ उसको सनकी और अपराधी मानते हैं। इसी द्वंद्व के केंद्र में खड़े जूलियन असांजे एक बार फिर से चर्चा के केंद्र में हैं। क्या अमेरिका जूलियन असांजे को माफ कर देगा या फिर उसे दंडित करने के लिए कुछ करेगा। अमेरिका में असांजे के ऊपर सीक्रेट जानकारियां लीक करने, अमेरिकी नागरिकों की जान ख़तरे में डालने समेत 18 संगीन आरोप लगे हैं। आरोप साबित हुए तो उनको 175 बरस तक की जेल हो सकती है। असांजे के वकील कहते हैं, अमेरिका में उनकी जान को ख़तरा है। वहां उनकी हत्या कर दी जाएगी। इसी आशंका के बिना पर वे असांजे का प्रत्यर्पण रुकवाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस सप्ताह व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जोसेफ बाइडेन की टिप्पणी, कि उनका प्रशासन विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के खिलाफ आरोप वापस लेने के लिए ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ के अनुरोध पर “विचार” कर रहा है, ने उनके परिवार और उनके परिवार के लिए आशा की किरण भेज दी है। असांजे, एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक, ब्रिटेन की बेलमार्श जेल में हैं, और ब्रिटिश अदालत के फैसले का इंतजार कर रहे हैं कि क्या वह 2022 के प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील कर सकते हैं जो उन्हें अमेरिकी सरकार और राजनयिक के प्रकाशन के लिए गंभीर आरोपों का सामना करने के लिए अमेरिका भेजेगा। 2010 में केबल। अदालत का आदेश 20 मई को आना है, और उसने अमेरिका से यह आश्वासन मांगा है कि उसे मौत की सजा का सामना नहीं करना पड़ेगा। 52 वर्षीय श्री असांजे को शरण मांगने और गिरफ्तारी के दौरान पहले ही काफी सजा मिल चुकी है, और, उनके परिवार के अनुसार, वह बहुत बीमार हैं और प्रत्यर्पित किए जाने को लेकर चिंतित हैं। श्री असांजे को बलात्कार और हमले के लिए स्वीडिश वारंट का सामना करना पड़ा है, उन्होंने आरोपों से इनकार किया और मामला हटा दिया गया।
अमेरिका का तर्क रहा है कि विकिलीक्स के खुलासों ने उसके एजेंट्स की जान को खतरे में डाल दिया और इस अपराध के लिए कोई बहाना नहीं है। असांजे के कई समर्थक उन्हें ‘सत्ता-विरोधी हीरो’ मानते हैं जिन्हें पत्रकार होने के बावजूद अमेरिका के गलत कामों और कथित युद्ध अपराधों को उजागर करने के लिए सताया जा रहा है। अमेरिका का कहना है कि असांजे पर ‘जानबूझकर’ स्रोतों के नाम प्रकाशित करने का आरोप लगाया गया न कि उनकी राजनीतिक विचारधारा का।
विकिलीक्स एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है जिसे पेशे से पत्रकार और हैकर जूलियन असांजे ने 2006 में शुरू किया था, इसे एक ऐसे ऑर्गेनाइजेशन के रूप में जाना जाता है जो खुफिया जानकारी, न्यूज लीक और अज्ञात सूत्रों से मिली गोपनीय जानकारी पब्लिश करता है। 2006 में इस वेबसाइट के लॉन्च होने के महज साल भर के भीतर ही 12 लाख से अधिक दस्तावेजों का डेटाबेस तैयार हो गया था। इस वेबसाइट ने ऐसे दस्तावेज जारी किए थे जिनसे पूरी दुनिया में खलबली मच गई थी। फिर चाहें वह अफगानिस्तान और इराक युद्ध की गोपनीय जानकारी हो या 2016 राष्ट्रपति चुनाव के दौरान हिलेरी क्लिंटन के गोपनीय ईमेल लीक होने का मामला। वॉलंटियर्स की मदद से चलने वाली इस वेबसाइट पर 2009 में ही 1200 वॉलंटियर रजिस्टर कर चुके थे।
अमेरिका सरकार दुनिया भर में लोकतंत्र अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीिडया की आजादी तथा मानवाधिकारों पर बहुत ढिंढोरा पीटता है। वह ऐसा दिखाना चाहता है वैसे वह दुनिया में लोकतंत्र और शांति का एकमात्र रक्षक है लेकिन वह अपने भीतर झांक कर नहीं देखता कि उसने खुद क्या-क्या पाप किए हैं। अमेरिका ने अपने हितों की रक्षा के लिए कई देशों की सरकारें पलटी हैं। जहां आज भी शांति स्थापित नहीं हो सकी है। वह हमेशा दोहरे मापदंड अपनाता है।
बाइडेन प्रशासन ने दुनिया भर में लोकतंत्र की सुरक्षा को एक नीतिगत प्राथमिकता बना दिया है, लेकिन वह जूलियन असांजे पर मुकदमा जारी रखने के िलए हर सम्भव कोशिश करता रहा है। जबकि व्हिसिल-ब्लोअर्स, सार्वजनिक जवाबदेही वाले गैर सरकारी संगठनों को परेशान करने के लिए दुनिया भर की सरकारों को फटकार लगाता रहता है, यह उसका विरोधाभासी रवैय्या है। देखना होगा कि क्या अमेरिका जूलियन असांजे को माफ करता है या नहीं। आस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री द्वारा अमेरिका को अपील करने के बाद उम्मीद की जाती है कि बाइडेन सरकार असांजे के प्रति नरम रवैय्या अपनाएगी और उन्हें अपना शेष जीवन सकून से गुजारने का मार्ग प्रशस्त करेगी।