भारत रत्न उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने देश के किसी भी क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हों। लेकिन एक शख्स ने अब खुद के लिए भारत रत्न की मांग कर दी है।
- युवक ने की भारत रत्न की मांग
- चिट्ठी में बताया भारत रत्न की मांग का कारण
- सपना देखकर जागी ‘भारत रत्न’ लेने की इच्छा
- कथावाचक के ड्राइवर है विनोद कुमार गौड़
उसने चिट्ठी लिखकर मांग की है कि उसे भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। लेकिन जब आप शख्स के रत्न की मांग का कारण जानेंगे तो अपना सिर पकड़ कर बैठ जाएंगे।
क्या लिखा है चिट्ठी में?
दरअसल, पेश से ड्राइवर विनोद कुमार गौड़ नाम की लिखी हुई चिट्ठी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। शख्स ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, ‘वे 30 सितंबर 2023 को संध्या वंदन यानी शाम की पूजा के पहले वे ध्यान साधना में बैठकर तपस्या कर रहे थे। अचानक उन्हें अंतःकरण से बहुत तीव्र गति से दो बार आवाज आई कि, ‘मुझे भारत रत्न चाहिए, मुझे भारत रत्न चाहिए। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों को पत्र लिखकर ‘भारत रत्न’ देने की मांग कर दी।
विभिन्न विभागों में घूम रही थी चिट्ठी
पिपराइच इलाके के महराजा उत्तर टोला निवासी विनोद कुमार गौड़ एक कथावाचक के ड्राइवर है। उनकी तीन महीने पहले लिखी गई चिट्ठी अलग-अलग विभागों से घूमते हुए एक लेखपाल तक पहुंच गई है। यह चिट्ठी सितंबर महीने में कमिश्नर कार्यालय के लिए लिखी गई थी। उसके बाद से इसे अपर आयुक्त न्यायिक, जिलाधिकारी, सीडीओ और एसडीएम जैसे अफसरों को ट्रांसफर कर दी गई।
लेखपाल ने पूछा भारत रत्न देने का कारण
वहीं, लेखपाल के पास चिट्ठी आने के बाद उन्होंने विनोद से पूछा है कि वह ऐसा कौनसा काम करते हैं जिसके लिए उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। विनोद ने सासंद से भी गुहार लगाई है। विनोद पहले ई-रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे। लेकिन ई-रिक्शा चोरी होने के बाद वह एक कथावाचक के ड्राइवर बन गए। अब वह साधना भी करते हैं और उनका कहना है कि इसी के लिए उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए।