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डेमोक्रेटिक पार्टी का चौंकाने वाला प्रदर्शन, संसद पर नियंत्रण अभी स्पष्ट नहीं

अमेरिकी संसद ‘कांग्रेस’ पर किसका नियंत्रण होगा इसे लेकर बुधवार तड़के तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई और रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदों को झटका देते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी ने कई जगहों पर कड़े मुकाबले में आश्चर्यजनक रूप से ताकत दिखाई।

अमेरिकी संसद ‘कांग्रेस’ पर किसका नियंत्रण होगा इसे लेकर बुधवार तड़के तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई और रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदों को झटका देते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी ने कई जगहों पर कड़े मुकाबले में आश्चर्यजनक रूप से ताकत दिखाई।
पार्टी के इस प्रदर्शन ने उन अटकलों को भी खारिज कर दिया जिनमें कहा जा रहा था कि मुद्रास्फीति की ऊंची दर और राष्ट्रपति जो बाइडन की घटती लोकप्रियता से चुनावों में पार्टी को नुकसान होगा।
डेमोक्रेट्स के लिए सबसे खुशी देने वाली खबरों में, जॉन फेट्टरमैन ने रिपब्लिकन-नियंत्रित सीनेट सीट पर बाजी पलट दी। यह सदन पर नियंत्रण बनाए रखने की पार्टी की उम्मीदों की कुंजी है। विस्कॉन्सिन, नेवाडा, जॉर्जिया और एरिजोना में महत्वपूर्ण सीनेट सीटों के लिए कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी, जो बहुमत का निर्धारण कर सकती हैं।
इस बीच, प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेट्स ने वर्जीनिया से कन्सास से लेकर रोड आइलैंड तक के जिलों में सीटें बरकरार रखीं, जबकि न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया जैसे राज्यों में कई जिलों में स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है।
गवर्नर के लिए दौड़ में भी कई जगह डेमोक्रेट्स सफल रहे, विस्कॉन्सिन, मिशिगन और पेंसिल्वेनिया में उन्हें जीत मिली। यह वो जगहें हैं जो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर बाइडन की 2020 की जीत में महत्वपूर्ण रही थीं। हालांकि रिपब्लिकन पार्टी ने फ्लोरिडा, टेक्सस और जॉर्जिया में गवर्नर पद की दौड़ में जीत हासिल की जहां दो साल पहले बाइडन को मामूली अंतर से जीत हासिल हुई थी।
देश भर में अब भी वोटों की गिनती के साथ जारी है और रिपब्लिकन के पास अभी कांग्रेस का नियंत्रण हासिल करने का अवसर है। परिणाम हालांकि डेमोक्रेट के लिए हौसला बढ़ाने वाले रहे हैं जो व्यापक नुकसान की आशंका के साथ चुनाव में उतरे थे और चर्चा कर रहे थे कि सदन में रिपब्लिकन के बहुमत का आकार क्या होगा।
रिपब्लिकन केविन मैकार्थी ने उम्मीद जताई की पार्टी प्रतिनिधि सभा पर नियंत्रण रखेगी। उन्होंने समर्थकों से कहा, “जब आप कल सुबह जागेंगे तो हम बहुमत में होंगे।” ऐसी उम्मीद है कि ग्रैंड ओल्ड पार्टी (रिपब्लिकन पार्टी) को प्रतिनिधि सभा में बहुमत मिलता है तो वह सदन के अध्यक्ष हो सकते हैं।
प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष व डेमोक्रेट नेता नैंसी पैलोसी ने कहा, “हालांकि कई जगह मुकाबला बेहद करीबी है, यह स्पष्ट है कि सदन के डेमोक्रेटिक सदस्य और उम्मीदवार देश भर में उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।”
प्रतिनिधि सभा और सीनेट की दौड़ के परिणाम बाइडन के एजेंडे के भविष्य का निर्धारण करेंगे और उनके प्रशासन पर एक जनमत संग्रह के रूप में काम करेंगे क्योंकि देश रिकॉर्ड-उच्च मुद्रास्फीति और देश की दिशा पर चिंताओं से जूझ रहा है।
अगर, हाउस पर रिपब्लिकन का नियंत्रण हो जाता है तो वे बाइडन और उनके परिवार के खिलाफ कई जांच शुरू कर सकते हैं, वहीं सीनेट पर विरोधी दल का नियंत्रण होने की स्थिति में बाइडन के लिए न्यायपालिका में नियुक्तियां करने में दिक्कत आएगी।
गौरतलब है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए इतिहास फिर खुद को दोहरा रहा है क्योंकि यह लगभग परंपरा सी है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति के पहले कार्यकाल में होने वाले मध्यावधि चुनाव में पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, इस बार डेमोक्रेटिक पार्टी आशा कर रही है कि गर्भपात के अधिकार को समाप्त करने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले पर जनता की नाराजगी के बाद मतदाता शायद उसका साथ देंगे।
चुनावी सर्वेक्षण ‘एपी वोटकास्ट’ के अनुसार, महंगाई और लोकतंत्र के कमजोर होने संबंधी चिंताओं, दोनों ने मतदाताओं को बहुत प्रभावित किया है।
सर्वेक्षण के अनुसार, 50 प्रतिशत मतदाताओं का कहना है कि किराना का सामान, ईंधन, मकान/किराया, खाद्यान्न और अन्य चीजों की कीमतें बढ़ने के कारण महंगाई बहुत बड़ा मुद्दा है, वहीं, करीब 44 प्रतिशत का कहना है कि लोकतंत्र का भविष्य उनके लिए प्राथमिक मुद्दा है।
सर्वे के अनुसार, 10 में से 7 मतदाताओं का कहना है कि गर्भपात के अधिकार को खत्म करते हुए 1973 के फैसले को पलटा जाना इस मध्यावधि चुनाव में उनके लिए बड़ा मुद्दा है। एपी के सर्वेक्षण के अनुसार, गर्भपात के अधिकार को समाप्त करने का फैसला काफी अलोकप्रिय है। 10 में से 6 लोग इस फैसले से नाराज या असंतुष्ट हैं, वहीं 10 में से 4 लोग इससे प्रसन्न हैं। 10 में से करीब 6 लोगों का कहना है कि वे देश भर में कानूनी गर्भपात को मंजूरी देने वाले कानून के पक्ष में हैं।
वहीं प्रतिनिधि सभा के लिये फिर से निर्वाचित हुए भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने देश भर के सभी उम्मीदवारों से Òहिंसा और कट्टरता की निंदाÓ करने और Òअमेरिकियों के रूप में हम जो साझा करते हैं उस पर ध्यान केंद्रित करनेÓ का आह्वान किया है।
इलिनॉय के आठवें संसदीय जिले का प्रतिनिधित्व करने वाले कृष्णमूर्ति ने मंगलवार को अमेरिकी मध्यावधि चुनाव में जीत हासिल की। डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद ने अपने रिपब्लिकन विरोधी क्रिस डार्गिस को शिकस्त दी।
कृष्णमूर्ति के अलावा, सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के तीन अन्य भारतीय-अमेरिकी राजनेता, जिनमें रो खन्ना और प्रमिला जयपाल शामिल हैं, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए। इसके अलावा कई अन्य लोगों ने अत्यधिक ध्रुवीकृत मध्यावधि चुनावों में देश भर में राज्य विधानसभाओं में जीत हासिल की।

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