कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को एक आलेख का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 2017 में गुजरात के विधानसभा चुनाव को देखते हुए जातीय समीकरण साधने के लिए रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया। गहलोत ने यहां संवाददाताओं के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘लोग तो यहां तक कहते हैं कि रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति भी गुजरात के चुनावों को देखते हुए बनाया गया।
कल ही मैं एक आलेख पढ़ रहा था… कि गुजरात के चुनाव आ रहे थे…वे (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी पहले ही घबरा चुके थे कि गुजरात में हमारी सरकार नहीं बनने जा रही है तो मेरा मानना है कि अमित शाह की सलाह पर कोविंद को राष्ट्रपति बनाया गया… जातीय समीकरण बैठाने के लिए। और आडवाणी छूट गए। बनना आडवाणी साहब को था।’’
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गहलोत ने कहा, ‘‘देश को उम्मीद थी कि कम से कम आडवाणी को अब वह सम्मान मिलेगा जिसके वह हकदार हैं, लेकिन नया नाम आ गया और वह वंचित रह गए।’’ इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि यह बीजेपी का मामला है लेकिन उन्होंने कल ही इस बारे में एक आलेख पढ़ा इसलिए वह इसकी चर्चा कर रहे हैं।
हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह आलेख कौन सा है। उल्लेखनीय है कि रामनाथ कोविंद जुलाई 2017 में राष्ट्रपति बने और गुजरात में विधानसभा चुनाव उसी साल दिसंबर में हुए। उस समय मणिशंकर अय्यर की मोदी पर की गई टिप्पणी के बाद हुए विवाद का जिक्र करते हुए गहलोत ने ‘‘व्यक्तिगत टिप्पणी को पूरी जाति व वर्ग से जोड़ने’’ के लिए भी मोदी की आलोचना की।