भारतीय सेना ने राजस्थान की रेतीली धरती पर एयर कैवलरी की अवधारणा का परीक्षण करते हुए युद्धाभ्यास किया। अमेरिकी सेना ने वियतनाम युद्ध के दौरान दुश्मन की जमीनी सेना के ठिकाने की पहचान करने और उसपर हमला करने के लिए इसी कॉन्सेप्ट का इस्तेमाल किया था। इसके तहत हथियारयुक्त हेलीकॉप्टर टैँकों और मशीनीकृत ग्राउंड बलों के समन्वय से दुश्मन के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई करते है।
यह परीक्षण भविष्य पर नजर रखते हुए किया गया है। यह परीक्षण हेलीकॉप्टरों के माध्यम से अपनी आक्रामक वायु संपति को मजबूत करने पर केंद्रित है। इस अवधाराणा से समय और उर्जा दोनों की बचत होती है। सेना के प्रवक्ता कर्नल मनीष ओझा ने बताया कि राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हाल ही में आयोजित युद्धाभ्यास विजय प्रहार में दक्षिणी वायुसेना ने एयर कैवेलरी की अवधारणा का परीक्षण किया है।
उन्होंने बताया कि रेगिस्तान क्षेत्रों में एयर कैवेलरी अवधारणा के तहत हेलीकॉप्टर से हमला जमीन पर हमला सीधा ही टैंकों और मशीनीकृत ग्राउंड बलों पर किया जाता है। इसमें सशस्त्र हेलीकॉप्टरों का एक बेड़ा हवा में एक साथ उड़ता है और कई क्षेत्रों में कार्य करता है, इसमें आगे के क्षेत्र में स्पॉट रीर्स पर हवाई हमले शुरू किए जाते हैं । यह हमले जमीनी हमलों से अधिक शक्तिशाली साबित होते हैं । इसके लिए वायुसेना और थल सेना में आपसी समन्वय एवं निरंतर उन्नयन की आवश्यक्ता होती है।
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