उत्तर प्रदेश विधानमंडल का सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया । दोनों सदनों (विधानसभा और विधान परिषद) के अध्यक्षों ने इसे अनिश्चितकाल तक स्थगित करने की घोषणा की। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मॉनसून सत्र सोमवार 19 सितंबर को आहूत किया गया था, शुक्रवार को पांचवें दिन विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इसे अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
ध्वनि मत के साथ पारित किए गए दो विधेयक
उधर, उच्च सदन के सभापति कुंवर मानवेंद्र प्रताप सिंह ने विधान परिषद को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। इसके पहले परिषद में विधानसभा से पारित दो विधेयकों ‘उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (संशोधन) विधेयक, 2022’ और दंड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2022 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। सभापति ने सभी सदस्यों, नेता सदन तथा अन्य दलीय नेताओं के प्रति आभार जताया।
पक्ष-विपक्ष ने जमकर साधा एक -दूसरे पर निशाना
शुक्रवार को राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने सदन का बहिष्कार किया और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर जनहित से जुड़े सवालों पर जवाब न देने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने इस आरोप पर पलटवार करते हुए दावा किया कि सरकार ने सभी सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सदन से बहिर्गमन किये तो कारण बताना चाहिए था लेकिन बिना कारण वे लोग अपने निजी एजेंडे के लिए सदन छोड़कर गये। खन्ना ने कांग्रेस, बसपा समेत अन्य दलों के नेताओं के प्रति सदन में सहयोग के लिए आभार जताया।
विभिन्न दलों के नेताओं नेे बिना हंगामा पूर्वक सदन चलाने के लिए अध्यक्ष का किया धन्यवाद
सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के अलावा विपक्ष से कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के दल नेताओं ने भी सकुशल सदन संचालन के लिए अध्यक्ष और अन्य के प्रति आभार जताया। विधानसभा अध्यक्ष महाना ने अपने संबोधन में सदस्यों की महत्वपूर्ण भागीदारी की चर्चा करते हुए सराहना की। उन्होंने कहा कि यह विधानसभा केवल 403 सदस्यों की नहीं है, यह उत्तर प्रदेश के प्रत्येक नागरिक की है। इस वजह से इसकी दिव्यता, गरिमा और भव्यता को बनाकर रखना है।
सदन अध्यक्ष ने सर्वदलीय नेताओं की तारीफ में पढ़े कसीदे
महाना ने नेता सदन योगी आदित्यनाथ सहित नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव, अपना दल (एस) के नेता राम निवास वर्मा, राष्ट्रीय लोकदल के नेता राजपाल सिंह बालियान, निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के नेता अनिल कुमार त्रिपाठी, भारतीय सुहेलदेव पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के नेता कुंवर रघुराज प्रताप सिंह, बहुजन समाज पार्टी के उमाशंकर सिंह सहित सभी दलीय नेताओं के सहयोग की प्रशंसा की।
कुल 18 घंटे 11 मिनट चली सदन की कार्यवाही
विधानसभा से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया कि प्रथम सत्र की तरह इस बार भी पांच उपवेशनों की कार्यवाही के दौरान एक बार भी सदन स्थगित नहीं हुआ, जो विधानसभा में पूर्व हुई कार्यवाहियों में सबसे अलग रहा, सदन की कार्यवाही कुल 18 घंटे 11 मिनट चली। इस सत्र में कुल-1844 याचिकाएं सदन में प्राप्त की गयी, जिसमें 1072 ग्राह्यता के उपरान्त स्वीकार की गयी। सदन की कार्यवाही के दौरान विभिन्न प्रकार के जनहित के प्रश्नों को उठाया गया। नियत सीमा से अधिक प्रस्तुत एवं विलम्ब से प्राप्त 772 याचिकाएं अग्राह्य हुईं।