लक्ष्मी का रूप घर की महिलाओं को माना गया है। ईंट-पत्थर के मकान को महिलाएं ही घर बनाती हैं साथ ही स्वर्ग भी उस घर को बनाती हैं। लेकिन परिस्थितियां जीवन में हमेशा बदलती रहती हैं। ऐसा तभी होता है जब नकारात्मक ऊर्जा घर में आती है। वास्तु में कुछ नियम बताए गए हैं जिससे घर में तालमेल, स्नेह और प्रेम हमेशा बनता रहता है। साथ ही सुख-संपदा और शांति भी घर में इन नियमों को अपनाने से आती है।
इस दिशा में महिलाएं ना सोएं
विवाहित महिलाओं को घर के वायव्य कोण में नहीं सोना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि अलग घर बसाने का सपना इस दिशा में सोने से महिलाएं देखना शुरु हो जाती हैं। कुवांरी कन्याएं इस दिशा में सोएं क्योंकि उनके विवाह का योग मजबूत बनता है। वायव्य दिशा उत्तर और पश्चिम दिशा के मध्य के कोण को कहा जाता है। तत्व वायु इस दिशा का मुख्य है।
इस दिशा में घर की वरिष्ठ महिलाएं सोएं
घर की वरिष्ठ महिलाओं को दक्षिण दिशा में सोना चाहिए इससे घर में प्रेम व तालमेल हमेशा बना रहता है। दक्षिण को ही घर का सबसे शक्तिशाली हिस्सा बताया गया है। उनका प्रभाव और बातों का महत्व इससे बढ़ता है। यह दिशा अनुकूल इनकी दिशा के लिए भी होती है।
ऐसा गद्दा हो बेडरूम में
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि एक गद्दे का इस्तेमाल बेडरूम में बेड पर करना चाहिए। वैवाहिक जोड़े के भविष्य के लिए दो गद्दों का प्रयोग हानिकारक होता है। तनाव की स्थिति पति-पत्नी के बीच अलग-अलग गद्दे पर सोने से होती है।
संतुलित रहता है पारिवारिक जीवन
वास्तुविज्ञान के अनुसार पत्नी पति के बार्यी तरफ सोती है तो दाम्पत्य जीवन में आपसी प्रेम और तालमेल बना रहता है। इसके पीछे यह भी बताया गया है कि पति का बायां अंग पत्नी को माना गया है। वहीं पत्नी का दायां हिस्सा पति को माना गया है। संतुलन इससे पारिवारिक जीवन में हमेशा रहता है।
इस दिशा में छोटी महिलाएं ना सोएं
आग्नेय कोण में कभी भी घर की छोटी महिलाओं को नहीं सोना चाहिए। दक्षिण दिशा में शयन करने वाली स्त्रियों से आग्नेय कोण में सोने वाली महिलाओं का मतभेद बन जाता है। अध्ययन व शोध के लिए इस दिशा को शुभ माना गया है। आग्नेय कोण दक्षिण और पूर्व के मध्य का कोणीय स्थान को कहा गया है। इस दिशा में नवविवाहित कन्याओं को नहीं सोना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस दिशा में ना सोने से सास के साथ मनमुटाव कम होोता है साथ ही पति भी खुश रहते हैं।
इस दिशा में अंधेरा ना हो
अंधेरा उत्तर-पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए। पैसों और तरक्की से इस दिशा का सीधा संबंध होता है। वास्तुशास्त्र में बताया गया है कि अगर इस दिशा में अंधेरा होता है तो घर की खुशहाली को नजर लग जाती है।