चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के समय लद्दाख सेक्टर के प्रमुख रहे पूर्व लड़ाकू विमान पायलट एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने नए वायुसेना प्रमुख के रूप में पद संभाल लिया है। इस पद पर उन्होंने एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया की जगह ली है। भदौरिया 42 वर्षों तक वायुसेना में अपनी सेवा देने के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ही भारतीय वायुसेना ने 36 राफेल और 83 स्वदेशी तेजस मार्क-ए लड़ाकू विमानों की दो बड़ी डील की थी।
वीआर चौधरी, जिन्होंने फील्ड फॉर्मेशन और एयर हेडक्वार्टर्स दोनों में कई अहम पदों पर काम किया है, तथा ऐसे समय में वायुसेना की कमान संभालेंगे जब देश अभी भी चीन के साथ सीमाओं पर गतिरोध की स्थिति में है। साथ ही अफगानिस्तान को लेकर क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। चौधरी रूस से एस-400 जैसी आधुनिक वायु रक्षा प्रणालियों के संचालन के लिए भी जिम्मेदार होंगे, जिन्हें जल्द ही बेडे में शामिल किया जाएगा। चौधरी लड़ाकू विमान बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए भी जिम्मेदार होंगे क्योंकि निकट भविष्य में अधिक स्वदेशी और विदेशी मूल के लड़ाकू विमानों को शामिल करने की योजना है। नए चीफ ऑफ एयर स्टाफ वीआर चौधरी, जिनके बेटे राफेल लड़ाकू विमान के पायलट हैं, ने भी भारतीय वायु सेना में राफेल को सुचारू रूप से शामिल करना सुनिश्चित किया क्योंकि अंबाला एयरपोर्ट वेस्ट एयर कमांडर के रूप में उनके अधीन था।
दिसंबर 1982 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए और उनके पास कई तरह के लड़ाकू और प्रशिक्षक विमानों पर 3,800 घंटे से अधिक का उड़ान का अनुभव है, जिसमें 1980 के दशक में भारतीय वायुसेना की ओर से सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जा करने के लिए किया गया ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन सफेद सागर (1999 में कारगिल संघर्ष के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा प्रदान की गई सहायता) भी शामिल है। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (DSS), वेलिंगटन, के पूर्व छात्र चौधरी ने अपने करियर के दौरान एक फ्रंटलाइन फाइटर स्क्वाड्रन और एक फाइटर बेस की कमान संभाली है. उन्होंने डिप्टी सहित कई अन्य पदों कमांडेंट, वायु सेना अकादमी, असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टॉफ ऑपरेशंस (एयर डिफेंस) और असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टॉफ (पर्सनल ऑफिसर्स) पर भी कार्य किया है।