चैत्र नवरात्रे 6 अप्रैल शक्रवार से शुरू हो चुके हैं। नवरात्रि के इन नौ दिनों के अलग ही मायने भक्तों के लिए होते हैं। पूरे देश में नवरात्रि के इन नौ दिनों में अलग-अलग नौ देवी मां की पूजा और अर्चना की जाती है। ऐसा कहा जाता है जो कोई भी इस खास पर्र्व पर मां भगवती की आराधना पूरी श्रद्धा और विश्वास से करता है तो उनकी सारी मनोकामना पूरी होती है।
नवरात्रि के इन नौ दिनों में भक्त मां को खुश करने की सारी कोशिशें करते हैं। नवरात्रि के अवसर पर हम आपको बताएंगे कि हर दिन मां को उनके मनपसंद भोग और दिन के हिसाब से शुभ रंग पहने से क्या लाभ होता है। चलिए जानते हैं-
1. पहला दिन
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है। माता का जन्म पर्वतराज हिमालय के घर हुआ था जिसके कारण उनका नाम शैलपुत्री रखा गया था। देवी शैलपुत्री का वाहन वृषभ है इसी वजह से उन्हें देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जाना जाता है। शैलपुत्री देवी के दाएं हाथ में त्रिशुल धारण है और बाएं हाथ में कमल का फुल है। देवी शैलपुत्री पहली दुर्गा हैं। इन्हें सती के नाम से भी बुलाया जाता है।
भोग में क्या चढ़ाएं
गाय का शुद्ध घी नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के चरणों में चढ़ाना चाहिए इससे मां भक्तों को आशीर्वाद देती हैं और उनके शरीर को निरोगी बनाती है।
पहले दिन किस रंग के कपड़े पहनने होते हैं
पहले नवरात्रे पर पूजा के समय और पूजा के बाद पीले रंग के कपड़े पहनने होते हैं और यह शुभ होता है।
2. दूसरा दिन
देवी मां का दूसरा रूप देवी ब्रह्मचारिणी है। ब्रह्म का मतलब तपस्या होता है तो वहीं चारिणी का मतलब आचरण होता है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप का आचरण करने वाली होता है। देवी ब्रह्मचारिणी ने घोर तपस्या करके भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त किया था। यही वजह है कि इनका नाम इस कठिन तपस्या के बाद तपश्चारिणी अर्थात ब्रह्मचारिणी पड़ गया था।
भोग में क्या चढ़ाया जाता है
देवी मां को दूसरे नवरात्रे में शक्कर का भोग चढ़ाया जाता है और उसके बाद उस प्रसाद को घर के सारे लोगों को देना होता है। ऐसा करने से आयु बढ़ती है।
इस दिन किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए
दूसरे नवरात्रे पर भक्तों को हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए और माता को हरे रंग का श्रृंगाार करना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
3. तीसरा दिन
तीसरा रूप मां दुर्गा का देवी चंद्रघंटा होता है। तीसरे दिन की पूजा का नवरात्रि में बहुत महत्तव होता है और नवरात्रि के तीसरे दिन इन्हीं मां की पूजा की जाती है। इन दिन मणिपुर चक्र में भक्त का मन प्रवेश होता है।
भोग में क्या चढ़ाएं
नवरात्रि के तीसरे दिन मां को भोग में दूध या फिर दूध से बनी मिठाई जैसे खीर चढ़ानी चाहिए फिर उसे किसी ब्राह्मण को दान दे देना चाहिए। ऐसा करने से साधक के दुखों की मुक्ति होती है और उसे परम आनंद की प्राप्ति भी होती है।
इस दिन किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए
इस दिन मां देवी को भूरे और ग्रे रंग की पोशाक पहनाई जाती है। इस दिन भक्त ग्रे रंग के कपड़े पहने क्योंकि इस दिन इस रंग के कपड़े पहना शुभ होता है।
4. चौथा दिन
मां देवी के चौथे रूप माता कुष्मांडा की पूजा नवरात्र के चौथे दिन की जाती है। जब चारों तरफ अंधकर था, सृष्टिï नहीं थी उस समय फिर देवी मां ने अपने मंद, हल्की हंसी से ब्रह्मांड की रचना की थी। यही वजह है कि उन्हें सृष्टिï की आदिस्वरूपा और आदिशक्ति भी माना जाता है।
भोग में क्या चढ़ाना चाहिए
देवी मां को नवरात्रि के चौथे दिन मालपुए चढ़ाने चाहिए। फिर उन मालपुए को मंदिर के ब्राह्मण को दान कर दें। ऐसा करने से साधक के बुद्धि का विकास होता है और निर्णय लेने में भी शक्ति बढ़ती है।
इस दिन किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए
बता दें कि मां कुष्मांडा को नारंगी रंग बहुत पंसद है इसलिए भक्तों को नवरात्र के चौथे दिन नारंगी रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
5. पांचवा दिन
मां स्कंदमाता की पूजा नवरात्र के पांचवें दिन की जाती है। मोक्ष के दरवाजे स्कंदमाता की खोलती हैं और साथ में सुख भी प्रदान करती हैं। जो भक्त मां की श्रद्धा से पूजा करते हैं उनकी सारी इच्छाएं पूरी होती हैं।
भोग में क्या चढ़ाना चाहिए
मां को नवरात्रि के पांचवें दिन केले को भोग चढ़ाया जाता है और ऐसा करने से भक्तों का शरीर स्वस्थ होता है।
इस दिन किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए
सफेद रंग की पोशाक माता स्कंदमाता को धारण करनी चाहिए। इसके साथ नवरात्रि के पांचवें दिन भक्तों को भी सफेद रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
6. छठा दिन
मां कात्यायनी की नवरात्रि के छठे दिन पूजा की जाती है। मां कात्यायनी की पूजा से साधकों को बहुत आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों ही फलों की प्राप्ति हो जाती है। भक्तों के जन्मों से सारे पाप भी खत्म हो जाते हैं।
भोग में क्या चढ़ाना चाहिए
शहद का भोग नवरात्रि के छठे दिन चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से आपके आकर्षण शक्ति भी बढ़ती है।
इस दिन किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए
इस दिन लाल रंग की पोशाक माता कात्यायनी को धारण करनी चाहिए। इसके साथ ही भक्तों को भी लाल रंग के कपड़े इस दिन पहनने चाहिए। ऐसा करना शुभ होता है।
7. सातवां दिन
माता कालरात्रि की पूजा नवरात्र के सातवें दिन की जाती है। माता कालरात्रि के शरीर का जो रंग वह बहुत श्याम है। उनके सिर के बाल बिखरे, गले में माला और तीन आंखें होती हैं। माता कालरात्रि की पूजा करने से ब्रह्मांड की सारी सिद्धियों के दरवाजे खुल जाते हैं।
भोग में क्या चढ़ाना चाहिए
गुड़ का भोग मां को नवरात्रि के सातवें दिन चढ़ाना चाहिए फिर उस प्रसाद को किसी ब्राह्मण को दान कर देना चाहिए। ऐसा करने से शोक से मुक्ति मिल जाती है और आकस्मिक आने वाले संकटों से भी रक्षा हो जाती है।
इस दिन किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए
भक्तों को इस दिन नीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए क्योंकि ऐसा करना शुभ होता है।
8. आठवां दिन
महागौरी शक्ति की पूजा नवरात्रि के आठवें दिन की जाती है। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो नवरात्रे इस दिन तक ही रखते हैं। देवी की उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। जो भी भक्त महागौरी की पूजा और अर्चना की जाती है वह बहुत लाभकारी होता है।
भोग में क्या चढ़ाना चाहिए
देवी मां को नारियल का भोग नवरात्रि के आठवें दिन लगाना चाहिए और उस नारियल का दान कर देना चाहिए। ऐसा करने से संतान से संबंधित जितनी भी परेशानियां होती हैं उससे छुटकारा मिल जाता है।
इस दिन किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए
नवरात्रि के आठवें दिन भक्तों को गुलाबी रंग के कपड़े पहनने होते है और यह शुभ माना जाता है।
9. नवां दिन
मां सिद्धिदात्री की पूजा नवरात्रि के नौवें दिन की जाती है और इस दिन भक्त को सिद्धि का आशीर्वाद दिया जाता है। बता दें कि इस देवी की कृपा से भगवान शिव ने भी यह सारी सिद्धियां प्राप्त की थीं। इस देवी की कृपा से शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण शिव अद्र्धनारीश्वर के नाम से भी जाना जाता है।
भोग में क्या चढ़ाना चाहिए
तिल का भोग नवरात्रि के नौवें दिन चढ़ाना चाहिए और उसे ब्राह्मण को दान देना चाहिए। ऐसा करने से मृत्यु के भय से राहत मिल जाती है।
इस दिन किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए
इस दिन भक्तों को बैंगनी रंग के कपड़े पहनकर कन्या खिलानी चाहिए।