बिहार में इस समय बच्चों के लिए काल बनकर आया चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) अब तक 112 की जान ले चूका है। बीते 24 घंटे के अंदर मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (SKMCH) में 75 नए मरीज भर्ती हुए हैं। SKMCH में 93 की मौत हुई है और केजरीवाल अस्पताल में 19 की बच्चों की मौत हो गई है।
SKMCH के अधीक्षक सुनील कुमार शाही ने कहा, अब तक, 372 बच्चों को यहां भर्ती कराया गया है, जिनमें से 118 को छुट्टी दे दी गई है, 57 को जल्द ही छुट्टी दे दी गई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एईएस के कारण 93 लोगों की मौत हो चुकी है।
SKMCH में मरीजों के साथ आये परिजनों का कहना है की, उनके बच्चे बुखार से पीड़ित हैं और उनका आरोप है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें कभी कोई ओआरएस नहीं दिया गया था।
वहीं एक अन्य परिजन का कहना है की, किसी ने हमें ओआरएस के बारे में कुछ भी नहीं बताया है। हम चमकी बुखार के लक्षणों को नहीं जानते। हमारे बच्चे 4-5 दिनों से बुखार से जल रहे हैं। डॉक्टर ने हमें उनके लिए दवाइयां देने के लिए कहा और कहा कि अगर बुखार उसके बाद नीचे नहीं जाता है तो ही वे बच्चों को भर्ती करेंगे। हमारे पास पैसा नहीं है।
गौरतलब है की इतने दिनों से जारी मौत के इस सिलसिले के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को एसकेएमसीएच पहुंचकर हालात का जायजा लिया। जहां उनके विरोध में नारे लगे। नीतीश के विरोध में स्थानीय लोगों ने श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बाहर धरना दिया।
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जिला के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ नीतीश कुमार ने सरकारी श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया, जहां उन्होंने अपना इलाज करा रहे बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की। अस्पताल के दौरे के बाद सीएम ने अधिकारियों और चिकित्सकों के साथ बैठक की तथा कई आवश्यक निर्देश दिए।