लोकसभा के सदस्य मंगलवार को विभिन्न मुद्दों के अलावा दोपहर के भोजन के समय (लंच टाइम) पर भी विभाजित दिखाई दिए। शून्यकाल के बाद, जब अध्यक्ष ओम बिड़ला ने अपराह्न् 1.15 बजे दोपहर के भोजन के लिए स्थगन की घोषणा की, तो कुछ सदस्यों ने इनकार कर दिया।
उन्होंने घोषणा के समय का विरोध किया और कहा कि दोपहर के भोजन को छोड़ दिया जाना चाहिए। कुछ कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि सदन को अपनी कार्यवाही जारी रखनी चाहिए और भोजनावकाश का विचार छोड़ देना चाहिए। एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को सदस्यों को भोजन के समय को निर्धारित करने के लिए वोटिंग करानी चाहिए।
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ओम बिड़ला इस तरह के जवाब सुनकर चकित हो गए, फिर उन्होंने सुझाव दिया कि महत्वपूर्ण निर्णय वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह पर छोड़ दिया जाना चाहिए। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, जो विपक्षी बेंच की अग्रिम पंक्ति में बैठे थे, फिर खड़े होकर मुस्कुराए।
अध्यक्ष ने कहा, मुलायम सिंह जी, लंच होना चाहिए या नहीं। लंच जरूरी है या नहीं। आप तय कर दें आज। लंच महत्वपूर्ण है या नहीं? आप इसे आज सदन के लिए तय करें? इस पर यादव ने मुस्कुराते हुए कहा, बहुत जरूरी है। इसके बाद पूरे सदन ने वरिष्ठ नेता के फैसले को स्वेच्छा से स्वीकार किया। तब बिड़ला ने अंतत: घोषणा की कि सदन को दोपहर के भोजन के लिए स्थगित किया जाता है।