अफगानिस्तान में चल रहे संकट को लेकर विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने कहा है कि, अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी दूसरे देश को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं होना चाहिए। यह बात उन्होंने उद्योग परिसंघ के सत्र को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कही। विदेश सचिव ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सक्रिय है और सम्पर्क बनाए हुए है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि, उसके वृहत हितों की सुरक्षा हो सके। उन्होंने कहा कि, यह देखना होगा कि एक कठिन परिस्थिति से अपने हितों की सुरक्षा करते हुए कैसे बेहतर ढंग से आगे बढ़ा जा सकता है।
हमने अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर बनाए हुए हैं सम्पर्क : श्रृंगला
विदेश सचिव ने कहा, मैं समझता हूं कि कई तरह से हम काफी सक्रिय हैं और मैं कहना चाहता हूं कि, हम अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर सम्पर्क बनाए हुए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो कि हमारे वृहत हित सुरक्षित हो। उन्होंने अफगानिस्तान के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 का जिक्र करते हुए इसे लाभकारी बताया । उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में मानवीय पहुंच प्रदान करने की जरूरत है तथा वहां महिलाओं, बच्चों एवं अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को रखना होगा ध्यान
श्रृंगला ने अफगानिस्तान के संबंध में बातचीत करते हुए कहा कि, समावेशी राजनीतिक समाधान निकाला जाए, उसकी धरती का किसी दूसरे को नुकसान पहुंचाने के लिये इस्तेमान न हो, वहां मानवीय आधार पर पहुंच सुगम बनायी जाए। श्रृंगला ने कहा कि ये बुनियादी मानदंड है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को देखना होगा कि अफगानिस्तान की वर्तमान सत्ता इस पर जवाबदेह हो। उन्होंने कहा कि, हमें देखना और इंतजार करना होगा ।