कांग्रेस के दिग्गज नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिहं हुड्डा ने हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार को जमकर कोसा। हुड्डा ने एक बयान में कहा कि हरियाणा में बिजली और पानी के गहरे संकट की वजह से हाहाकार मचा हुआ है। हुड्डा ने खट्टर सरकार के चुनावी वादों पर हमला बोलते हुए कहा कि रात दिन बिजली देने के सरकारी वादे हवा-हवाई साबित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि आज गांव ही नहीं शहरों के लोग भी लंबे-लंबे पावर कट से परेशान हैं। बिजली पानी की मांग को लेकर लोगों को सड़कों पर उतर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना पड़ रहा है। बिजली की किल्लत के चलते लोगों की दिनचर्या के साथ उनके काम धंधों पर भी विपरीत असर देखने को मिल रहा है।
हुड्डा ने बिजली संकट के लिए भाजपा सरकार को दोषी करार देते हुये कहा है कि कांग्रेस सरकार के दौरान उन्होंने प्रदेश को बिजली के मामले में सरप्लस उत्पादक राज्य बना दिया था। प्रदेश में उनकी सरकार आने से पहले हर चुनाव में बिजली सबसे बड़ मुद्दा होता था। क्योंकि उनकी सरकार से पहले प्रदेश में सिर्फ पानीपत में एक थर्मल पावर प्लांट होता था। लेकिन उन्होंने अपने कार्यकाल में यमुनानगर, खेदड़, झाड़ली और खानपुर खुर्द में 4 नए पावर प्लांट लगाए।
इसके साथ भारत-अमेरिका परमाणु ऊर्जा समझौते के तहत फतेहाबाद के गोरखपुर में परमाणु बिजली संयंत्र मंजूर करवाया। इसी का नतीजा था कि 2014 आते-आते प्रदेश में बिजली चुनावी मुद्दा नहीं रहा। उनके अनुसार भाजपा सरकार के दौरान एक भी नया प्लांट नहीं लगाया गया। इतना ही नहीं पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान लगाए गए पावर प्लांट्स की कई यूनिट को मौजूदा सरकार ने बंद कर दिया।
हमारे कार्यकाल में करीब 13000 मिलियन यूनिट का उत्पादन होता था, जो भाजपा सरकार के दौरान लगातार घटता गया। एक तरफ हमारे कार्यकाल की तुलना में बिजली की दर भी ज्यादा और बिजली की मांग बढ़ती जा रही है, दूसरी तरफ सरकार उसके उत्पादन में कटौती कर रही है। यही वजह है कि आज प्रदेश की जनता को बिजली की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।