मुंबई के मलाड में एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का नाम मैसूर के क्रूर शासक ‘टीपू सुल्तान’ के नाम पर रखे जाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। महाराष्ट्र के मंत्री असलम शेख ने नई सुविधाओं से लैस इस कॉम्पलेक्स का उद्घाटन किया तो बीजेपी ने ‘टीपू सुल्तान’ नाम को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है।
बीजेपी के विरोध पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, बीजेपी को लगता है कि उन्हें ही इतिहास का ज्ञान है। सब नया इतिहास लिखने बैठे हैं, ये इतिहासकार इतिहास बदलने आए हैं। टीपू सुल्तान के बारे में हम जानते हैं, हमें बीजेपी से सीखने की जरूरत नहीं है।
राउत ने उद्धव सरकार के मंत्री का बचाव करते हुए कहा कि यदि वे कहते हैं कि टीपू पर किसी प्रतिष्ठान का नाम रखा जा सकता है तो फिर वे ऐसा कर सकते हैं। राज्य सरकार फैसले लेने में सक्षम है। नया इतिहास लिखने का प्रयास न करें। आप दिल्ली में लगातार इतिहास को बदलने का प्रयास कर सकते हैं, लेकिन उसमें सफल नहीं होंगे।
क्या राष्ट्रपति का भी मांगेंगे इस्तीफा?
बीजेपी के विरोध को ड्रामा बताते हुए राउत ने कहा कि राष्ट्रपति कोविद ने कर्नाटक जाकर टीपू सुल्तान की प्रशंसा की कि वह एक ऐतिहासिक योद्धा, स्वतंत्रता सेनानी थे। तो क्या आप राष्ट्रपति का इस्तीफा भी मांगेंगे? बीजेपी को इसे स्पष्ट करना चाहिए। यह सब उनका ड्रामा है।
दरअसल, मंत्री असलम शेख ने मालवानी क्षेत्र के बाग में टीपू सुल्तान स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का उद्घाटन करते हुए कहा कि इस बाग का नाम हमेशा टीपू सुल्तान के नाम पर ही था और कोई नया नाम नहीं रखा गया है। वहीं कार्यक्रम के दौरान बीजेपी युवा मोर्चा, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने नाम बदलने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
फडणवीस ने की नाम बदलने की मांग
बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “टीपू सुल्तान अपने राज्य में हिंदुओं के उत्पीड़न के लिए ऐतिहासिक रूप से जाने जाते हैं। बीजेपी कभी भी ऐसे लोगों का सम्मान स्वीकार नहीं करेगी। टीपू सुल्तान के नाम पर बाग का नाम रखे जाने का फैसला रद्द कर दिया जाना चाहिए।”