झारखंड राज्य के राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी की स्थापना से जुड़े एक्ट को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल द्वारा मंजूरी देने के बाद सरकार ने भी अधिसूचना जारी कर दी है। इस यूनिवर्सिटी की स्थापना से संबंधित विधेयक झारखंड विधानसभा के विगत मॉनसून सत्र में पारित किया गया था। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस विश्वविद्यालय का अस्थायी कार्यालय झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (जेयूटी) परिसर में स्थापित होगा। बाद में इसके लिए अलग भवन का निर्माण कराया जायेगा।
कई तरह के कोर्स किए जाएंगे शामिल
इस यूनिवर्सिटी में विभिन्न तरह के डिस्टेंस कोर्स की पढ़ाई अगले साल जुलाई से शुरू हो जाने के आसार हैं। सरकार ने यूनिवर्सिटी को शुरू करने के लिए पांच करोड़ की ग्रांट मंजूर की है। उम्मीद की जा रही है कि इस विवि में कुलपति, प्रतिकुलपति, रजिस्ट्रार और अन्य पदों पर जल्द ही नियुक्ति की जायेगी। शुरुआत में यहां स्नातक, स्नातकोत्तर के अलावा कुल 16 कोर्स की पढ़ाई शुरू करने की मंजूरी दी गई है। बताया गया कि, स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर हिंदी, अंग्रेजी, क्षेत्रीय भाषा, जनजातीय भाषा, इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, बीएड, एमएड, बीबीए, एमबीए और अलावा सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स के तहत हेल्थ केयर, जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, टूरिज्म एंड हॉसपिटैलिटी सर्विस मैनेजमेंट, वोकेशनल कोर्स, जेंडर एंड डेवलपमेंट स्टडीज, सोशल वर्क और ट्राइबल स्टडीज की पढ़ाई होगी।
उच्च शिक्षा से जुड़ने वाले छात्रों को होगा लाभ
यूनिवर्सिटी में शामिल पाठ्यक्रमों की मान्यता के लिए यूजीसी को प्रस्ताव भेजा जायेगा तथा रोजगार और कौशल विकास के साथ-साथ कई तरह के सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किये जायेंगे। इस यूनिवर्सिटी की स्थापना का उद्देश्य उन लोगों को उच्च शिक्षा से जोड़ना है, जो रोजगार या अन्य व्यवस्ताओं के चलते नियमित पाठ्यक्रमों में दाखिला नहीं ले पाते हैं। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग का प्रयास है कि, सरकार से मिलने वाले शुरुआती अनुदान के बाद यह विश्वविद्यालय पूरी तरह अपने संसाधनों और अपने खर्च पर संचालित हो।