पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी दिनकर गुप्ता की राज्य के पुलिस प्रमुख पद पर नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था।
पंजाब राज्य के साथ ही डीजीपी गुप्ता ने भी सोमवार को कैट के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। कैट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका मंगलवार को यहां न्यायमूर्ति जसवंत सिंह और न्यायमूर्ति संत प्रकाश की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिये आई।
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डीजीपी गुप्ता के वकील पुनीत बाली ने कहा कि अदालत ने कैट के आदेश पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 26 फरवरी को होगी। कैट ने 17 जनवरी के अपने आदेश में राज्य पुलिस प्रमुख के पद पर गुप्ता की नियुक्ति पर रद्द कर दी थी, जिसे कांग्रेस के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना गया।
कैट के अध्यक्ष एल नरसिम्हा रेड्डी और एम जमशेद की दो सदस्यीय पीठ ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों मोहम्मद मुस्तफा और सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की अपील पर यह आदेश सुनाया था। अपनी अपील में दोनों अधिकारियों ने कहा था कि गुप्ता से वरिष्ठ होने के बावजूद उन्हें “नजरअंदाज’’ किया गया। मुस्तफा 1985 बैच के अधिकारी हैं, चट्टोपाध्याय 1986 बैच के अधिकारी हैं, जबकि गुप्ता 1987 बैच के अधिकारी हैं।