किसानों का आंदोलन 27 वें दिन जारी, टिकैत बोले- कृषि मंत्री से अभी तक बैठक का नहीं मिला कोई निमंत्रण - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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किसानों का आंदोलन 27 वें दिन जारी, टिकैत बोले- कृषि मंत्री से अभी तक बैठक का नहीं मिला कोई निमंत्रण

गाजीपुर बॉर्डर से भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें कृषि मंत्री से अभी तक बैठक का कोई निमंत्रण नहीं मिला है। किसानों ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक वे वापस नहीं जाएंगे। सभी मुद्दों को हल करने में एक महीने से अधिक समय लगेगा।

कृषि कानून को लेकर किसान आंदोलन का मंगलवार को 27वां दिन है। वहीं किसान अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इस बीच गाजीपुर बॉर्डर से भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें कृषि मंत्री से अभी तक बैठक का कोई निमंत्रण नहीं मिला है। किसानों ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक वे वापस नहीं जाएंगे। सभी मुद्दों को हल करने में एक महीने से अधिक समय लगेगा।
बता दें कि इससे पहले राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन समाप्त करने को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि सरकार आंदोलन को लंबा खींचना चाहती है, इसलिए किसान नेताओं से बातचीत करना नहीं चाहती है। वह कहते हैं कि सरकार जहां भी चाहे वहां किसान नेता बातचीत के लिए आ जाएंगे। राकेश टिकैत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं और उनका कहना है कि सरकार जब तक नये कृषि कानून को वापस नहीं लेगी, किसान तब तक वापस नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि ये (सरकार) कह रहे हैं कि हम कानून वापस नहीं लेंगे और हमने कह दिया है हम घर वापस नहीं जाएंगे।राकेश टिकैत ने आगे कहा कि देश का किसान कमजोर नहीं है और वह अपने हक की लड़ाई में पीछे नहीं हटने वाला है। सरकार ने किसान संगठनों के नेताओं को उनकी सभी मांगों के संबंध में बिंदुवार प्रस्ताव भेजा है और उन्हें अगले दौर की बातचीत के लिए बुलाने के लिए उनसे तारीख बताने को कहा है।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत 26 नवंबर से शुरू हुए किसानों के इस आंदोलन में लाइम लाइट में रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि वह देश में किसानों की सबसे बड़ी आबादी वाले प्रदेश से आते हैं और किसानों के हक की लड़ाई लड़ने वाले नेता की पहचान उनको विरासत में मिली है।

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