चेन्नई : तमिलनाडु सरकार ने मेकेदातु जलाशय मुद्दे पर सोमवार को केंद्र से ‘तत्काल’ हस्तक्षेप का आग्रह किया और कहा कि परियोजना पर कर्नाटक का पर्यावरण मंजूरी मांगना कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण और उच्चतम न्यायालय के निर्णय का उल्लंघन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने उनसे आग्रह किया कि वह पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को कर्नाटक के प्रस्ताव को ‘‘तुरंत खारिज’’ करने का निर्देश दें।
पलानीस्वामी ने कर्नाटक के उस प्रस्ताव को खारिज करने के लिए मोदी से ‘‘तत्काल हस्तक्षेप’’ करने का आग्रह किया जिसमें मेकेदातु जलाशय संतुलन और पेयजल परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी मांगी गई है।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य का इस तरह की मंजूरी मांगना कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के अंतिम निर्णय और उच्चतम न्यायालय के फरवरी 2018 में आए फैसले का ‘‘पूरी तरह उल्लंघन’’ है।
पलानीस्वामी ने कहा कि तमिलनाडु सरकार अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराती रही है और केंद्र से मेकेदातु परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को तत्काल खारिज करने और वापस करने का आग्रह करती रही है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने हाल में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की थी और कावेरी नदी पर मेकेदातु में 5,912 करोड़ रुपये की लागत वाले प्रस्तावित जलाशय को जल्द मंजूरी देने का आग्रह किया था।
कुमारस्वामी ने कहा है कि प्रस्तावित परियोजना के लिए तमिलनाडु की सहमति की कोई आवश्यकता नहीं है।