नई दिल्ली : सरकार वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने को प्रतिबद्ध है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने यह बात कही। प्रभु ने कहा कि वह वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी को 1.7 प्रतिशत से आगे ले जाना चाहते हैं, जिससे विश्व समुदाय में देश एक अहम स्थान हासिल कर सके।
प्रभु ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को बढ़ाने में आयात और निर्यात दोनों महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा, जब हम कुछ आयात करते हैं, तो इससे उपभोग में इजाफा होता है। इससे भारत की विनिर्माण क्षमता बढ़ती है जिससे विश्वस्तरीय उत्पादों का उत्पादन हो सकता है। इसी तरह जब हम निर्यात करते हैं, तो इससे नई क्षमताओं का सृजन होता है।
प्रभु ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर है। पर इसे करने के लिए कई कारकों की जरूरत है। आईईसीसी का जिक्र करते हुए प्रभु ने कहा कि प्रगति मैदान पुनर्विकास परियोजना यह दिखाएगी कि भारत क्या होने जा रहा है। इस मौके पर आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ढांचे के अभाव में भारत की अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित करने की क्षमता प्रभावित होती है।
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