पटना ( पंजाब केसरी) पटना उच्च न्यायालय ने जिला अदालतों में अप्रैल से लेकर जून तक चलने वाले मॉर्निंग कोर्ट के संचालन को रद्द कर दिया है। इस मामले में पटना उच्च न्यायालय ने सिविल कोर्ट रूल्स की नियमावली को संशोधित कर मॉर्निंग कोर्ट को विलोपित कर दिया है। अब जिला अदालते सामान्य तौर पर दिन के कार्यावधि पूर्व की तरह पूरे वर्ष दस बजे प्रातः से लेकर पांच बजे अपराहन तक कार्य करेगी। दोपहर डेढ़ बजे से लेकर दो बजे तक भोजनावकाश रहेगा। पटना उच्च न्यायालय ने पूर्व में दिया गया निर्देश जिसमें मॉर्निंग कोर्ट को संचालित करने का निर्देश दिया था उसे रद्द कर दिया है। इस आशय का पत्र सिविल कोर्ट पटना के रजिस्ट्रार ने जारी किया है। बताते चलें कि कानूनी सहायता केन्द्र के अध्यक्ष व गाय घाट स्थित सिविल कोर्ट के विक्रमादित्य गुप्त के नेतृत्व में रमाकांत वर्मा, बृजेश गोस्वामी आदि अधिवक्ताओं द्वारा बिहार राज्य की निचली अदालतों मे अंग्रेजो के समय से मॉर्निंग कोर्ट की चली आ रही प्रथा को समाप्त करने के लिये आंदोलन विगत पाँच वर्षों से चलाया जा रहा था।
पंजाब केसरी ने लगातार खबर प्रकाशित कर जनहित के इस मुहिम को दिया बल
जनहित वाले इस मुहिम को पंजाब केसरी ने गंभीरता से लेते हुये लगातार खबर प्रकाशित किया।दिनांक 20 मार्च को बिहार झारखंड संस्करण के पेज 9 पर मॉर्निंग कोर्ट का दंश झेलेंगे निचली अदालत के वकील शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद वकीलों को मॉर्निंग कोर्ट समाप्त होने की खबर मिली। शम्भू शरण सिंह,सुभाष रजक, उदय शंकर लाल, राजकुमार प्रसाद, विजय प्रसाद, अजित शौरभ, इरफान आलम, गीता सहित अन्य अधिवक्ताओं ने खुशी जाहिर किया हैं।