जदयू ने बिहार की नीतीश सरकार के खिलाफ बयानबाजी को लेकर आज फिर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव पर हमला बोला। जदयू ने कहा कि अनाप-शनाप बयानबाजी करना ही तेजस्वी यादव की पहचान बनती जा रही है। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने यहां राजद नेता तेजस्वी यादव के बिहार में राक्षसराज बताए जाने की कड़ी शब्दों में निंदा की।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि राजद सरकार के पंद्रह वर्षों के कार्यकाल में हुए अनेक सामूहिक नरसंहारों, जातीय हिंसा एवं फिरौती के लिए हुए असंख्य अपहरणों पर उनका नजरिया क्या है। उन्होंने कहा कि केवल अनाप शनाप बयानबाजी उनकी पहचान बनती जा रही है। जदयू प्रवक्ता ने कहा है कि यदि तेजस्वी यादव ने अपराध अभिलेख ब्यूरो के वर्ष 2018 के आंकड़े देख लिए होते तो ऐसी शर्मनाक टिप्पणी करने का साहस भी नहीं जुटा पाते।
उन्होंने कहा कि आबादी की दृष्टि से बिहार देश का दूसरा बड़ा प्रांत है लेकिन प्रति लाख व्यक्तियों पर संज्ञेय अपराध की तालिका में बिहार 22वे स्थान पर है। वहीं, हत्या, डकैती और महिला उत्पीड़न मामलों में बिहार की स्थिति अत्यधिक बेहतर है। राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि विकास और सुशासन का अर्थ यदि तेजस्वी समझते तो शायद एक गैर जिम्मेदार नेता की छवि उनकी नहीं बनती।
बिहार की योजना का आकार वर्ष 2005 में 3500 करोड़ रुपये एवं कुल व्यय 25000 करोड़ रुपये था, उसके मुकाबले राज्य के बजटीय आकार में शानदार बढ़तरी दर्ज करते हुए लगभग दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कुल व्यय इस राज्य ने इस वर्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में करने का निश्चय किया है।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में सड़क बिजली एवं आधारभूत संरचना का प्रसार जन-जन तक हुआ है। वहीं, तेजस्वी के पिता एवं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और माता राबड़ी देवी की सरकार के कार्यकाल में अंधकार, गड्ढों में सड़क, दरिद्रता एवं अशिक्षा राज्य की नियति बन चुके थे। वहां से जिन सम्मानजनक ऊंचाइयों पर बिहार पहुंचा है, उसका श्रेय निस्संदेह मुख्यमंत्री श्री कुमार को जाएगा।