पटना : नागरिकता कानून के खिलाफ राजद का आहूत बिहार बंद का असर राजधानी समेत पूरे प्रदेश में रहा। राजद समेत महागठबंधन के सहयोगी दलों के कार्यकत्र्ता सडक़ों पर आग जलाकर एवं रेल पटरी को जामकर आवागमन ठप किया। आवागमन बाधित होने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना क रना पड़ा। राजधानी में वाहनों के बंद रहने से कार्यालय एवं गंतव्य स्थानों तक पहुंचने वालों को ठंड में कई किमी तक पैदल चलने को मजबूर हुए। सुबह से ही राजधानी का व्यस्तम डाकबंगला चौराहा, आयकर गोलम्बर पर राजद, रालोसपा, कांग्रेस, सपा के कार्यकत्र्ता सडक़ पर उतर कर नागरिकता कानून केखिलाफ प्रदेर्शन कर अपना विरोध जताना शुरू कर दिया।
इसी प्रकार प्रदेश के अध्यक्ष शहरों में भी राजद एवं महागठबंधन के सहयोगी दलों के नेता के नेतृत्व में कार्यकत्र्ता सडक़ पर आग जलाकर आवागमन बाधित किया। बंद समर्थकों ने राजधानी क कुम्हरार में रेल पटरी पर उतर कर रेल सेवा बाधित किया वहीं कुर्जी में बंद समर्थकों ने जमकर बवाल काटा। सडक़ पर आग जलाकर आवागमन बाधित किया। निजी वाहनों को सख्ती से बंद करायीगयी। इससे यात्रियों को न केवल परेशानी झेलनी पड़ी बल्कि ठंड का भी सामना करना पड़ा। वहीं सपा कार्यकत्र्ताओं ने विरोध जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला भी जलाया। इनकम टैक्स पर बंद समर्थकों ने ट्रैफिक डीएसपी की गाड़ी को भी रोक दिया।
रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पार्टी कार्यालय से प्रदर्शन करते हुए डाकबंगला चौराहा पहुंचे। श्री कुशवाहा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून हिन्दु बनाम मुसलमान का केवल मामला नहीं है बल्कि केन्द्र सरकार का दलित, गरीब, पिछड़ा भी निशाना है। इस कानून के सहारे भाजपा वाले भाजपा एवं आरएसएस की नीतियों पर नहीं चलने वालों से हिन्दुस्तानी होने का दस्तावेज की मांग करेंगे। देश का गरीब, पिछड़ा दस्तावेज कहां से लायेंगे।
उन्होंने कहा कि देश में रोजगार पर चर्चा होनी चाहिए। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। केन्द्र सरकार को नौजवानों की फिक्र नहीं है। नागरिकता कानून पर पूरा देश जल रहा है। इस कानून के खिलाफ हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक सरकार यह कानून वापस नहीं लेती है। वीआईपी नेता संतोष कुशवाहा ने कहा कि केन्द्र की सरकार सत्ता के नशे में चूर है। पूरा देश आग की लपटों में है। देश में अघोषित इमरजेंसी का माहौल बना हुआ है। केन्द्र सरकार मनमानी ढंग से काला कानून लागू करना चाहती है जिसका जनता विरोध करेगी।
वहीं भारतीय मित्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनेश्वर महतो ने कहा कि असम में जो एनआरसी लागू हुआ उसमें 15 लाख हिन्दू की नागरिकता समाप्त है। भाजपा विदेशियों को यहां शरण देना चाहता है और भारत में रहने वाले इस कानून के लागू होने से विदेशी हो रहे हैं। केन्द्र सरकार आधार कार्ड एवं पहचान पत्र की मान्यता नहीं देने की बात करती है लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि उसी पहचान पत्र के आधार पर उनकी सरकार बनी है। हमलोग देश में एनआरसी लागू नहीं होने देंगे।