मुख्यमंत्री ने 'समाधान यात्रा' के क्रम में सहरसा जिले में विकास योजनाओं का लिया जायजा, दिए दिशा-निर्देश - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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मुख्यमंत्री ने ‘समाधान यात्रा’ के क्रम में सहरसा जिले में विकास योजनाओं का लिया जायजा, दिए दिशा-निर्देश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज ‘समाधान यात्रा’ के क्रम में सहरसा जिले में विभिन्न विभागों के अंतर्गत चल रही विकास योजनाओं का जायजा लिया।

पटना, (पंजाब केसरी): मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने आज ‘समाधान यात्रा’ के क्रम में सहरसा जिले में विभिन्न विभागों के अंतर्गत चल रही विकास योजनाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने सहरसा जिलान्तर्गत बलहापट्टी पंचायत के ग्राम बलहा गढ़िया का भ्रमण कर हर घर नल का जल, हर घर तक गली और नाली निर्माण, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना सहित अन्य विकास कार्यों का निरीक्षण किया। भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों से संवाद कर उनकी समस्यायें सुनीं। पंचायत सरकार भवन बलहापट्टी का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्राम कचहरी कक्ष, ग्राम पंचायत राज पुस्तकालय, सरपंच एवं उप सरपंच कक्ष, ग्राम कचहरी न्यायालय आदि का जायजा लिया। पंचायत सरकार भवन में ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों के बैठने की व्यवस्था एवं संचालित होने वाली गतिविधियों के संबंध में अधिकारियों से पूरी जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत सरकार भवन के ऊपर एक और तल का निर्माण करायें ताकि बाढ़ आने की स्थिति में लोग आश्रय ले सकें। लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। पंचायत सरकार भवन बलहापट्टी के सामने स्थित तालाब का मुख्यमंत्री ने जायजा लिया। जायजा लेने के क्रम में मुख्यमंत्री ने तालाब के चारो तरफ पेवर ब्लॉक लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह तालाब पंचायत सरकार भवन के सामने है। यहां सौर ऊर्जा की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें, यह काफी अच्छा रहेगा। यहां आने वाले लोगों को भी इससे सुविधा मिलेगी। समेकित बाल विकास परियोजना आंगनबाड़ी केंद्र गढ़िया पूर्वी केंद्र संख्या – 115 का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर बच्चों के पठन-पाठन की जानकारी ली। आंगनबाड़ी केंद्र की शिक्षिका से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी बच्चों को ठीक ढंग से पढ़ने के प्रति प्रेरित करें, इन्हें अच्छे ढंग से पढ़ायें।
मुख्यमंत्री ने जल – जीवन – हरियाली अभियान के अंतर्गत निधि जीविका महिला ग्राम संगठन द्वारा किये जा रहे बत्तख पालन का भी जायजा लिया और जीविका दीदियों के बीच सतत् जीविकोपार्जन योजना का किट वितरित किया। इस दौरान जीविका दीदी ने अपनी आपबीती साझा करते हुये कहा कि पहले पति ताड़ी का व्यापार करते थे और शराब भी पीते थे। समाज में प्रतिष्ठा नहीं थी तब मैंने समूह से जुड़कर 60 हजार रुपये कर्ज लेकर पति के लिये रिक्शा खरीदी और बकरी पालन का काम शुरू किया। समूह से जुड़ने के बाद हम जीविका दीदियों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने सतत् जीविकापार्जन योजना के लाभार्थी जीविका दीदियों को सांकेतिक चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग अंतर्गत कंदाहा मत्स्य ग्राम के एरियल मानचित्र का अवलोकन कर अधिकारियों से चंवर क्षेत्र के संबंध में जानकारी ली। अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि चंवर क्षेत्र को उपयोगी बनाने के लिये कई जगहों पर नीचे मछली ऊपर बिजली के कॉन्सेप्ट पर काम किया गया है। इसी तर्ज पर कंदाहा मत्स्य ग्राम के अंतर्गत आने वाले चंवर क्षेत्र का विकास करें, इससे लोगों की आमदनी काफी बढ़ेगी।
पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट में महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में कटौती की गई है। इस बार के बजट में मनरेगा और किसान सम्मान निधि योजना की राशि घटा दी गई है, यह ठीक नहीं है। मनरेगा काफी पुरानी योजना है। यह योजना विकास के लिए काफी जरुरी है। मनरेगा के लिए 2022-23 में जो 73,000 करोड़ रुपये का प्रोविजन था अब उसे घटाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसी तरह से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए 2022-23 में 68 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था जिसे घटाकर अब 60,000 करोड़ रूपये कर दिया गया है। इस तरह इस योजना में इस बार 8,000 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गयी है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की भी राशि 2,167 करोड़ रुपये कम कर दी गई है। इसी तरह से कई योजनाओं की राशि घटा दी गई है। राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में 600 करोड़ रुपये घटा दिये गये हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कम राशि का आवंटन किया गया है। इस तरह महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में कटौती कर दी गई है। बिहार की सात निश्चय योजना की तरह ही इन लोगों ने सप्तऋषि योजना शुरु करने की बात की है। हमलोग बिहार में सात निश्चय योजना काफी पहले से चला रहे हैं। अब बिहार में सात निश्चय -2 चलाई जा रही है। सप्तऋषि योजना में कोई खास चीज नहीं है। केंद्र सरकार के द्वारा लोगों के हित में कोई काम नहीं हो रहा है। ग्रामीण इलाकों के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में कटौती कर दी गयी है। बिहार जैसे गरीब राज्य के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। हमलोगों की डिमांड को भी नहीं माना गया है। वित्त मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ बैठक में जो मांगें रखी थीं उसे पूरा नहीं किया गया है।
केंद्रीय बजट में बिहार को बहुत कुछ मिलने के भाजपा नेता श्री सुशील कुमार मोदी के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को कहां कुछ मिला है। उनके नाम पर हमसे क्यों पूछते हैं, वो तो ऐसे ही बोलते रहेंगे। कुछ से कुछ बोलते रहना ही उनकी ड्यूटी है। कुछ न कुछ बोलने से उनको कोई लाभ मिल जाय तो अच्छी बात है। जितना अनाप-शनाप बोलना हैं बोलते रहिए। पिछली बार उनको उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था तो मुझे दुख हुआ था। उनके बोलने का कोई अर्थ नहीं है। केंद्रीय बजट में महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में इनलोगों ने कटौती कर दी है। हमलोग 4.5 प्रतिशत फिस्कल डेफिसीट चाह रहे थे। उसको भी इनलोगों ने नहीं बढ़ाया है। इसे 3 प्रतिशत पर ही रहने दिया गया है। ऐसा होता तो हमलोग अपने राज्य के हित में बाहर से भी कर्ज ले सकते थे लेकिन इसे बढ़ाया ही नहीं गया है। केंद्र सरकार की योजना में एक हिस्सा केंद्र सरकार का जबकि दूसरा हिस्सा राज्य सरकार का होता है। इसके कारण राज्य को अपने हित में काम करने को लेकर पैसे नहीं बचते हैं। राज्य सरकार का पैसा केंद्र सरकार की योजनाओं में खर्च हो जाता है। केंद्रीय योजनाओं में 40 प्रतिशत तक राशि राज्य सरकार के द्वारा दी जाती है। केंद्र सरकार को अपने बल पर केंद्रीय योजनाएं बनानी चाहिए। केंद्रीय योजना में नाम केंद्र का होता है जबकि पैसा राज्य सरकार का भी खर्च होता है जब केंद्रीय योजनाओं मे राज्य सरकार अपना पैसा खर्च करती है तो राज्यों को केंद्रीय मदद मिलनी चाहिए। केंद्र सरकार से राज्यों को मिलने वाली राशि का बड़ा हिस्सा केंद्रीय योजनाओं में ही खर्च हो जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि कोई राज्य अपने विकास के लिए बाहर से ऋण ले तो उसके लिए उसका लिमिट बढ़ाना चाहिए, तभी राज्यों का विकास होगा। हमलोग यही चाह रहे हैं। सभी तरह की दिक्कतों के बावजूद बिहार काफी आगे बढ़ा है। रेल बजट का आकार बढ़ने से बिहार को होने वाले फायदे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें बिहार को कुछ नहीं मिलने वाला है। सभी महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में कटौती कर दी गई है। नहीं कुछ करने के बावजूद सभी चीजों पर उनका नियंत्रण होने के कारण उन्हीं की खबरें चलती रहती हैं। राज्यों को अपने विकास के लिए ऋण की व्यवस्था करनी पड़ेगी। हमलोग काफी पहले से विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं लेकिन वे लोग सुन ही नहीं रहे हैं। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार जैसे दूसरे अन्य पिछड़े राज्य भी आगे आगे बढ़ जाते। पिछड़े राज्यों का विकास होने से देश का ही विकास होता ।
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के अंतर्गत जिला अस्पताल सहरसा को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित करने के निर्माण कार्य का शिलापट का अनावरण एवं फीता काटकर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने अस्पताल परिसर में पौधारोपण कर अस्पताल का मुआयना किया। इस क्रम में मुख्यमंत्री ने इमरजेंसी, ओ०टी०, ओ०पी०डी०, पंजीकरण काउंटर, दवा वितरण केंद्र एवं मरीजों को मिलने वाली निःशुल्क दवाओं की सूची आदि का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि दवाओं की सूची अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी लगवा दें ताकि लोगों को आसानी से जानकारी उपलब्ध हो सके।
भ्रमण के क्रम में मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं एवं संबंधित अधिकारियों को उनके यथाशीघ्र समाधान हेतु निर्देश दिया । स्थानीय जनप्रतिनिधियों, नेताओं एवं जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया गया। भ्रमण के दौरान ग्रामीणों ने जगह-जगह मुख्यमंत्री का स्वागत किया ।इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, योजना एवं विकास श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन सह सूचना एवं जन-संपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा, शिक्षा मंत्री श्री चंद्रशेखर, मंत्री ऊर्जा, पंचायती राज मंत्री सह सहरसा जिले के प्रभारी मंत्री श्री मुरारी प्रसाद गौतम, सांसद श्री दिनेश चंद्र यादव, विधायक श्री युसूफ सलाउद्दीन, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री आर०एस० भट्टी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, गन्ना उद्योग विभाग के प्रधान सचिव सह सहरसा जिले के प्रभारी सचिव श्री नर्मदेश्वर लाल, कृषि सचिव विभाग श्री एन0 सरवन कुमार, सचिव समाज कल्याण विभाग श्री प्रेम सिंह मीणा, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह मिशन निदेशक जल- जीवन – हरियाली श्री राहुल कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, आयुक्त कोशी प्रमंडल श्री मनोज कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक कोशी प्रक्षेत्र श्री शिवदीप लांडे, जिलाधिकारी सहरसा श्री आनंद शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्रीमती लिपि सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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