Railways Introduced "Gajraj Suraksha Kavach" To Save Elephants, Accidents Will Be Curbed - रेलवे ने हाथियों को बचाने के लिए पेश किया "गजराज सुरक्षा कवच", लगेगी हादसों पर लगाम

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रेलवे ने हाथियों को बचाने के लिए पेश किया “गजराज सुरक्षा कवच”, लगेगी हादसों पर लगाम

Indian Railways AI Technology

Indian Railways AI Technology : भारतीय रेलवे ने हाथियों की वजह से होने वाले रेल हादसों को रोकने के लिए एक नई प्रणाली, गजराज सुरक्षा कवच, पेश की है। यह प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी है और इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया गया है। गजराज सुरक्षा कवच एक इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम (आईडीएस) है जो दवाब तरंगों को महसूस करके हाथियों के पैरों के कंपन को पहचानता है। यह जानकारी ओएफसी केबल के जरिए स्टेशन मास्टर को भेज दी जाती है। स्टेशन मास्टर इस जानकारी के आधार पर ट्रेन को रोक सकता है। indian train

रेलवे का दावा है कि गजराज सुरक्षा कवच की पहचान दर 99.5% है और यह 200 मीटर पहले ही हाथियों के आने की जानकारी दे सकता है। रेलवे ने कहा है कि गजराज सुरक्षा कवच की शुरुआत जल्द ही पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, असम, केरल, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में की जाएगी। अगले 8 महीनों के भीतर देश के सभी हाथी वाले इलाके में इस प्रणाली को तैनात करने का लक्ष्य है।

रेलवे के मुताबिक, पिछले 10 साल में करीब 200 हाथियों की रेल हादसों में जान गई है। इन हादसों से वन्यजीवों की सुरक्षा और रेलवे सुरक्षा दोनों को खतरा है। गजराज सुरक्षा कवच इन हादसों को रोकने में मदद कर सकता है। यह प्रणाली हाथियों को ट्रेन से टकराने से पहले ही पहचान लेगी और ट्रेन को रोकने की अनुमति देगी। इससे हाथियों की जान बचेगी और रेलवे की सुरक्षा भी बढ़ेगी।

गजराज सुरक्षा कवच की शुरुआत से पहले रेलवे ने पश्चिम बंगाल के बक्सा टाइगर रिजर्व में एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया था। इस प्रोजेक्ट में गजराज सुरक्षा कवच ने 99.5% की पहचान दर दिखाई थी। रेलवे का कहना है कि गजराज सुरक्षा कवच एक महत्वपूर्ण कदम है जो हाथियों की सुरक्षा और रेलवे सुरक्षा दोनों के लिए फायदेमंद होगा।

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