प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी होली पर सार्वजनिक कार्यक्रमों में न जाने का फैसला लिया है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के प्रति शोक जताने और कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए मुख्यमंत्री ने यह फैसला लिया है।
इस फैसले की जानकारी देते हुए केजरीवाल ने बुधवार को कहा, ‘दिल्ली में हुई व्यापक हिंसा और कोरोना वायरस के दस्तक को देखते हुए मैंने होली नहीं मनाने का फैसला लिया है।’
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मौजपुर, सीलमपुर, बाबरपुर, कबीर नगर, गोकुलपुरी, भजनपुरा, बृजपुरी, चांदबाग, करावल नगर, खजूरी खास और जाफराबाद आदि इलाकों में 24 से 26 फरवरी के बीच 3 दिन तक जमकर हिंसा हुई। आगजनी, गोलीबारी, डंडों व तलवारों से हमले में 46 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 250 से अधिक लोग घायल हैं।
उपद्रवियों ने सैकड़ों दुकानों में आग लगाई थी, लोगों के घरों को जलाया गया, स्कूल, अस्पतालों में भी इस दौरान आगजनी व तोड़फोड़ की गई। पचासों कारों को जला दिया गया।
सरकार ने अब कोरोनावायरस के खतरे के खतरे को देखते हुए लोगों से जरूरी न होने पर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने को नजरअंदाज करने की अपील की है। दिल्ली के लोगों में कोरोना वायरस के प्रति सजगता फैलाने के प्रति सजगता फैलाने व भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को नजरअंदाज करने के मकसद से भी मुख्यमंत्री ने होली न मनाने का फैसला किया का फैसला किया है।
केजरीवाल ने कोरोना वायरस को लेकर कहा, ‘इस वायरस को रोकने के लिए हमें बहुत तेजी दिखानी होगी, क्योंकि इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है, इसलिए सभी एजेंसियों को मिलकर इसे तुरंत ही रोकना होगा।’
उन्होंने कहा, ‘फिलहाल, विदेशों से आए ऐसे लोग, जिनमें अभी कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं दिख रहा है, उनकी भी निगरानी की जा रही है, क्योंकि कोरोना वायरस के लक्षण 14 दिनों के बाद दिखाई देते हैं।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जिस तरह से हमने दिल्ली में डेंगू को हराया था, उसी तरह से हम इस खतरनाक बीमारी को भी हराएंगे।’