नई दिल्ली : दिल्ली में जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है, वैसे-वैसे प्रदूषण की मार बढ़ती जा रही है। आसपास के राज्यों में जलाए जा रहे पराली भी आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। शुक्रवार सुबह धुंध छाने के साथ हवा की क्वॉलिटी अब भी खराब बनी हुई है। यहां का न्यूनतम तापमान 15.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। तापमान गिरने के कारण प्रदूषण की समस्या और गंभीर बनती जा रही है। दिल्ली के उन सभी चेकिंग स्टेशन पर जहां प्रदूषण की निगरानी हो रही है, वहां हवा की क्वॉलिटी या तो खतरनाक या अति बदतर हालत में है। सबसे दूषित हवा जहांगीरपुरी में है, जिसके ठीक सटे भलस्वा लैंडफिल साइट है।
कचरे के ढेर में कई दिनों से आग लगी है। यहां उठते धुएं ने आसपास के कई इलाकों में सांस लेना दूभर कर दिया है। पंजाबी बाग में पीएम 10 का स्तर 429 पाया गया, जो कि खतरनाक श्रेणी में आता है। आरकेपुरम में 290 और पूसा में 283 दर्ज किया गया। पीएम10 का यह स्तर ‘अस्वास्थ्यकर’ श्रेणी में आता है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, यह त्योहार का सीजन है। यहां के लोग बढ़ते प्रदूषण से परेशानी झेल रहे हैं। सामाजिक संगठनों को लोगों के बीच जागरूकता फैलानी चाहिए, ताकि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना पर्व-त्योहार मनाए जाएं।
निर्माण के दौरान फैल रहा प्रदूषण, मंत्री ने किया निरीक्षण
31 दिसंबर तक का वक्त… उधर, प्रदूषण पर एक्शन प्लान बनाने के लिए एनजीटी ने दिल्ली सरकार को 31 दिसंबर तक का वक्त दिया है। कोर्ट ने सरकार को कहा है कि पूरी तैयारी करके बताएं कि प्रदूषण को बढ़ाने में कौन-कौन से कारक दिल्ली में जिम्मेदार हैं और उनको किस तरह से दूर करने के लिए उपाय किए जा सकते हैं। फिर चाहे वो कंस्ट्रक्शन से जुड़ा प्रदूषण हो या फिर दिल्ली में वाहनों के इस्तेमाल से जुड़ा हो। खेती के चलते होने वाला प्रदूषण भी जिम्मेदार हो, तो इसकी जानकारी दी जाए। कोर्ट ने कहा कि पिछले सालों में ग्रीन गैसों का दिल्ली में क्या प्रतिशत रहा है और फिर उनका दिल्ली में फिलहाल क्या स्तर है।