नई दिल्ली : नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं पर 7500 करोड़ रुपये के विशाल बजट के बावजूद भी केजरीवाल सरकार आम आदमी को डिस्पेंसरी, पॉली क्लीनिक और मोहल्ला क्लीनिक स्तर पर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में बुरी तरह नाकाम रही है। आम आदमी पार्टी सरकार साढे़ चार वर्ष के शासनकाल में इस स्तर पर स्वास्थ्य सेवा बढ़ाने के स्थान पर सिमट कर रह गई है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए बड़े-बड़े वायदे नकारा सिद्ध हुए हैं। सरकार के फिसड्डीपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह इस लंबे कार्यकाल में एक भी नया पॉली क्लीनिक नहीं खोल पाई है। पॉली क्लीनिकों के लिए आवंटित प्लॉट खाली पड़े हैं। सरकार के पास बजट भी है, लेकिन इच्छा शक्ति नहीं है। यही योजना मद में एमसीडी को दिया जाने वाला फंड काटकर एमसीडी को नये पॉली क्लीनिक तथा डिस्पेंसरियां खोलने से रोक दिया।
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने अपने कार्यकाल में अनेक डिस्पेंसरियां बंद कर दी हैं, जबकि मात्र दो नई डिस्पेंसरियां खोली हैं। इतना ही नहीं सरकार इस समय 50 से भी अधिक डिस्पेंसरियों को बंद कर उनमें आम आदमी क्लीनिक खोलने की योजना पर काम कर रही है। एक डिस्पेंसरी में 300 से 350 मरीज प्रतिदिन आते हैं, जबकि आम आदमी क्लीनिक में 100 से 150 मरीज ही प्रतिदिन आते हैं।
नेता विपक्ष ने कहा कि जो मोहल्ला क्लीनिक खोले गये हैं वे अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री ने 26 फरवरी, 2019 को अपने बजट भाषण में 1000 मोहल्ला क्लीनिक खोलने के वायदे को दोहराया था और कहा था कि 189 आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक खोले गए हैं और जून, 2019 तक 333 और क्लीनिक खुल जाएंगे। सरकार के अपने ही दावे के मुताबिक कुल 195 क्लीनिक काम कर रहे हैं।