JNU में ABVP और वाम समर्थित गुटों के बीच झड़प, VC ने दी कड़ी चेतावनी Clash Between ABVP And Left Supported Groups In JNU, VC Gives Strict Warning

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JNU में ABVP और वाम समर्थित गुटों के बीच झड़प, VC ने दी कड़ी चेतावनी

JNU: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भाषा संस्थान में चुनाव समिति के सदस्यों के चयन को लेकर दो समूहों के बीच बृहस्पतिवार रात झड़प में कुछ छात्र घायल हो गये। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ छात्रों को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना का एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति कुछ छात्रों को छड़ी से पीटता दिखाई दे रहा है वहीं एक अन्य क्लिप में एक व्यक्ति छात्रों पर साइकिल फेंकते दिखाई दे रहा है। घटना के एक अन्य वीडियो में भी कुछ लोग अन्य लोगों के साथ मार-पीट करते दिखाई दे रहे हैं और विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी उन्हें बचाने की कोशिश करते दिख रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और वामपंथी समूहों के छात्रों ने एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस घटना पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और न ही घायल छात्रों की संख्या के बारे में कोई जानकारी मिल सकी है।

  • JNU में दो समूहों के बीच बृहस्पतिवार रात झड़प में कुछ छात्र घायल हो गए
  • कुछ छात्रों को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है
  • घटना के एक वीडियो में एक व्यक्ति कुछ छात्रों को छड़ी से पीटता दिखाई दे रहा है
  • JNU प्रशासन ने इन सभी छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही

VC ने कड़ी कार्रवाई की कही बात की

JNU

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शुक्रवार को इन सभी छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है, जो बीती रात हुई झड़प के लिए जिम्मेदार थे। इलेक्शन कमेटी में सदस्यों की नियुक्ति को लेकर हुए वैचारिक मतभेद के बाद छात्रों के बीच झड़प हो गई, जिसमें कई छात्र घायल हो गए। गुरुवार रात अखिल भारतीय विधार्थी परिषद और वाम समर्थित छात्रों के बीच स्कूल ऑफ लैंग्वेज में इलेक्शन कमेटी में सदस्यों की नियुक्ति को लेकर उभरे विवाद के बाद छात्रों के बीच झड़प हो गई। छात्र संगठनों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस को सफदरजंग अस्पताल से अन्वेषा राय, शौर्य और मधुरिमा की चोटों के संबंध में तीन मेडिको-लीगल केस रिपोर्ट मिली हैं। पुलिस उपायुक्त रोहित मीना ने कहा, जेएनयू में छात्रों के बीच हुई झड़प को लेकर पुलिस को शिकायत शुक्रवार 1:15 पर मिली। जांच की जा रही है। वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है। वीडियो में एक शख्स डंडे से दूसरों को पीटता हुआ दिख रहा है, जबकि दूसरे वीडियो में एक शख्स साइकिल फेंकता हुआ नजर आ रहा है। वहीं, एक वीडियो में जेएनयू के सुरक्षाकर्मी के हस्तक्षेप के बावजूद भी एक शख्स पर एक समूह द्वारा हमला किया जा रहा है। इस बीच, अखिल भारतीय विधार्थी परिषद ने बयान जारी कर कहा कि यह घटना जेएनयू परिसर की है, जिसमें खुद को JNU का प्रेसिडेंट बताने वाली आइशी घोष की अगुवाई में दानिश अली और स्वाति सिंह सहित अन्य लोग नजर आ रहे हैं।

दिव्यांग छात्रों पर भी हुई हिंसा

JNU1

वहीं, बयान में कहा गया है, इस समूह ने बैचलर और मास्टर के छात्रों पर भाषा, साहित्य और सांस्कृतिक अध्ययन स्कूल के पास हमला किया। घोष और उनके साथियों से जुड़े हमलावरों ने मानव सुरक्षा और गरिमा के प्रति भयावह उपेक्षा का प्रदर्शन करते हुए छात्रों के खिलाफ हिंसा को अंजाम दिया। यहां तक की दिव्यांग छात्रों को भी नहीं बख्शा गया है। भाषा, साहित्य और सांस्कृतिक अध्ययन स्कूल के छात्रों पर हमला शिक्षा, सहिष्णुता और मानवीय शालीनता के सिद्धांतों का गंभीर उल्लंघन है। इसलिए यह जरूरी है कि न्याय दिया जाए और अकादमिक समुदाय के सभी सदस्यों के कल्याण की रक्षा के लिए उपाय लागू किए जाएं। छात्र संगठन अखिल भारतीय छात्र संघ ने अपने बयान में कहा, स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज में जनरल बोर्ड मीटिंग के आखिरी दिन एबीवीपी द्वारा हिंसा का एक और दौर देखा गया। AISA ने दावा किया कि चुनाव समिति में सदस्यों की नियुक्ति के लिए होने वाली चुनावी प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने के मकसद से छात्र समूह एबीवीपी ने हिंसा को अंजाम दिया। एसएल इकाई के प्रमुख कन्हैया कुमार के साथ एबीवीपी के सदस्यों को छड़ें लहराते और आम छात्रों को निशाना बनाते और अंधाधुंध मारते हुए देखा गया है। AISA ने दावा किया कि पूरे दिन उन्होंने जनरल बोर्ड मीटिंग में बाधा पहुंचाने का प्रयास किया। आईसा ने दावा किया कि जब मुस्लिम विधार्थियों ने चुनाव के लिए अपना नाम प्रस्तावित किया, तो उनके नाम को अलग कर दिया गया। उन्होंने छात्रों को लिंगवादी और जातिवादी गालियां देकर जनरल बोर्ड मीटिंग के माहौल को खराब कर दिया।

वीडियो में दिखाई दिए मारपीट के दृश्य

बताया गया है कि MA कोरियन के विधार्थी प्रफुल जनरल बोर्ड मीटिंग के लिए एकत्रित हुए छात्रों की ओर साइकिल उठाकर पटकता हुआ नजर आ रहा है। जर्मन अध्ययन केंद्र के एक छात्र प्रियांशु द्वारा एबीवीपी में शामिल होकर एक साथी छात्र पर शारीरिक हमला करने का घृणित दृश्य पूरी तरह से क्रोधित करने वाला और निंदनीय है। AISA ने कहा, PhD के छात्र सूर्या, मधुरिमा कुंडू और AISA के कार्यकर्ता को भी एबीवीपी के छात्रों ने पीटा। यही नहीं, उन्होंने प्रियं और अन्वेषा का भी पीछा किया और उन्हें लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा। वाइस चांसलर के कार्यकाल में यूनिवर्सिटी का माहौल कुछ इसी तरह का बना हुआ है। वाइस चांसलर का कार्यभार संभालने वाली शांतिशरी धूलिपुड़ी पंडित को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि क्यों एबीवीपी लगातार यूनिवर्सिटी के छात्रों को निशाना बना रहे हैं? वाइस चांसलर को एबीवीपी द्वारा की गई हिंसा और तोड़फोड़ को स्वीकार करना चाहिए।

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