दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से राष्ट्रीय राजधानी की सभी अदालतों में वाई-फाई पहुंच सहित निर्बाध इंटरनेट कनेक्टिविटी की मांग करने वाली याचिका पर अभिवेदन के रूप में निर्णय लेने को कहा है।
- मुद्दे की अधिकारियों द्वारा की जानी चाहिए पड़ताल
- कानून के अनुसार निर्णय लेने का निर्देश
- मुद्दे की अधिकारियों द्वारा पड़ताल
अन्य हितधारक भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित
अधिवक्ता अर्पित भार्गव ने अपनी जनहित याचिका में कहा कि दिल्ली में अदालत परिसरों में सीमित या कोई इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने से न केवल वकील, बल्कि न्यायाधीश, मीडिया, वादी, अदालत के कर्मचारी और अन्य हितधारक भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित होते हैं।
कानून के अनुसार निर्णय लेने का निर्देश
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन के नेतृत्व वाली पीठ ने बृहस्पतिवार को कहा, निर्देश दिया जाता है कि वर्तमान रिट याचिका को प्रतिवादी अभिवेदन के रूप में माने, जिस पर कानून के अनुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया जाता है। पीठ ने कहा कि अदालत द्वारा कोई भी आदेश पारित किए जाने से पहले इस मुद्दे की अधिकारियों द्वारा पड़ताल की जानी चाहिए।
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