पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने पत्नी समेत BJP से दिया इस्तीफा, कांग्रेस में होंगे शामिल

पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने पत्नी समेत BJP से दिया इस्तीफा, Congress में होंगे शामिल

Haryana: हरियाणा से भाजपा के लिए बुरी खबर आई है। यहाँ भाजपा से पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। वे कल कांग्रेस में शामिल होंगे।

Highlights:

  • हरियाणा में भाजपा को लगा बड़ा झटका
  • पूर्व केंद्रीय मंत्री बिरेन्द्र सिंह ने पत्नी संग भाजपा छोड़ा
  • कल कांग्रेस में होंगे शामिल

 

हरियाणा में पूर्व केन्द्रीय मंत्री व भाजपा नेता बिरेन्द्र सिंह भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस में हुए शामिल।
बता दें कि इससे करीब एक महीने पहले ही उनके बेटे बृजेन्द्र सिंह ने भी भाजपा छोड़कर विपक्षी दल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।बीरेंद्र सिंह की पत्नी और हरियाणा से भाजपा की पूर्व विधायक प्रेमलता ने भी भाजपा छोड़ दी है। प्रेमलता 2014-2019 तक विधायक रही थीं।

 

 

मैंने अपना त्यागपत्र भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा – बिरेन्द्र सिंह

दिल्ली में बीरेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा, मैंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और त्यागपत्र पार्टी प्रमुख जे पी नड्डा को भेज दिया है। मेरी पत्नी प्रेमलता ने भी पार्टी छोड़ दी है। कल (मंगलवार को) हम कांग्रेस में शामिल होंगे। भाजपा छोड़ने के बाद बीरेंद्र सिंह ने दिल्ली में कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी मुलाकात की। उनके बेटे बृजेन्द्र के 10 मार्च को कांग्रेस में शामिल होने के बाद ऐसी साफ़ अटकलें थी कि बीरेंद्र सिंह भी कांग्रेस में शामिल होंगे।

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में बनाये गये थे मंत्री

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 2014 से लेकर 2019  केंद्रीय मंत्री थे। बीरेंद्र सिंह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली पहली सरकार में केंद्रीय इस्पात मंत्री थे। उन्होंने ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री का भी कार्यभार संभाला था।

किसानों के मुद्दे का समाधान  करे सरकार – बिरेन्द्र सिंह

निरस्त किए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान, बीरेंद्र सिंह ने किसानों को अपना समर्थन दिया था।
हरियाणा में हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में भी मंत्री रहे बीरेंद्र सिंह ‘‘किसानों के मसीहा’’ कहे जाने वाले सर छोटूराम के पौत्र हैं।
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने भाजपा क्यों छोड़ी, बीरेंद्र सिंह ने कहा कि वह 42 साल तक कांग्रेस के साथ रहे लेकिन 2014 में कुछ कारणों से भाजपा में शामिल हो गए। किसानों के आंदोलन पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने पार्टी मंच पर इस मुद्दे को उठाया था और आग्रह किया था कि उनकी शिकायतों का समाधान किया जाए।

योग्यता अनुसार मान्यता नहीं मिली- बिरेन्द्र सिंह

उन्होंने कहा, जब मैं भाजपा में शामिल हुआ, तो मुझे पता था कि इस पार्टी की विचारधारा अलग होगी और दोनों दलों की विचारधाराओं के बीच कुछ मतभेद होंगे। बाद में, मुझे अनुभव हुआ कि एक बड़ा अंतर था। बीरेंद्र सिंह ने कहा, ”अपने राजनीतिक जीवन के दौरान, मैं ऐसे लोगों से जुड़ा रहा जो समर्पित कार्यकर्ता रहे।” उन्होंने बताया कि भाजपा ने इसे उस तरह से मान्यता नहीं दी, जिस तरह से मिलनी चाहिए थी।

 

उन्होंने कहा, मुझे लगा कि जब मैं सुझाव दे रहा था, तो उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था। सिंह ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा, ”मैंने कहा है कि मैं भले ही चुनावी राजनीति में नहीं रहूं लेकिन जब तक संभव होगा मैं राजनीतिक रूप से सक्रिय रहूंगा। उन्होंने कहा कि उन्हें यह भी लगता है कि भाजपा को कई महीने पहले जननायक जनता पार्टी (जजपा) के साथ संबंध तोड़ने के उनके सुझाव पर ध्यान देना चाहिए था और इस निर्णय में देरी नहीं की जानी चाहिए थी। वे भाजपा और जजपा के गठबंधन से थे नाखुश।

4 दशक कांग्रेस तक कांग्रेस में रह चुके हैं

बीरेंद्र सिंह हरियाणा कांग्रेस में बड़े नेता माने जाते हैं। वे तकरीबन चार दशक तक कांग्रेस में बने रहे थे। आज से लगभग 10 साल पहले कांग्रेस से भाजपा में चले गए थे। लोकसभा चुनाव से पहले बीरेंद्र का कांग्रेस में शामिल होना भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि बीरेंद्र के समर्थक हरियाणा समेत पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी हैं।

बीरेंद्र सिंह हरियाणा से 5 बार विधायक और 3 बार सांसद रह चुके है।

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