नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज कहा कि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पद से हटाने के लिये महाभियोग का नोटिस देने की उन्हें जानकारी नहीं दी गई । उन्होंने इसे खारिज करने के राज्यसभा के सभापति के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं की। खुर्शीद ने कहा कि वह उन लोगों की तरफ से नहीं बोल सकते जिन्होंने नोटिस दिया , लेकिन इसे खारिज करने के फैसले को चुनौती दी जानी चाहिये। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट परिसर में कहा , ‘‘ मुझे इस समूची प्रक्रिया की जानकारी नहीं थी। मैं उन लोगों की तरफ से कुछ भी नहीं कह सकता , जिन्होंने नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं , लेकिन मेरी निजी राय में नोटिस को खारिज करने के फैसले को चुनौती दी जानी चाहिये। ’’ वह एक मामले पर सुनवाई के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय में थे।
उन्होंने इस मामले पर और कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा , ‘‘ आपको उन लोगों से भावी कदम के बारे में पूछना चाहिये , जो प्रक्रिया का हिस्सा थे। मैं उनकी तरफ से टिप्पणी नहीं कर सकता। ’’ इससे पहले , दिन में राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने सीजेआई मिश्रा के खिलाफ विपक्षी पार्टियों के महाभियोग नोटिस को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें दम नहीं है। कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी पार्टियों ने पिछले सप्ताह ‘ कदाचार ’ के पांच आधार गिनाते हुए प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिये नोटिस दिया था। यह पहला मौका था जब किसी वर्तमान प्रधान न्यायाधीश को पद से हटाने के लिये इस तरह का नोटिस दिया गया। विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने नायडू से शुक्रवार को मुलाकात की थी और 64 वर्तमान सांसदों और सात पूर्व सदस्यों के हस्ताक्षर वाला नोटिस सौंपा था।
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